HimachalPradesh

कार्यशाला में कारीगरों ने सीखे उद्यमी बनने के गुर

कार्यशाला का आयोजन

शिमला, 19 जून (Udaipur Kiran) । प्रदेश सरकार पारंपरिक उद्योगों को संबल देने और कारीगरों की आर्थिकी सुधारने के लिए “स्फूर्ति” योजना के तहत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इसी क्रम में गुरूवार को शिमला के उपनगर शोघी में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें स्थानीय कारीगरों, स्वयं सहायता समूहों और पंचायत प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इस अवसर पर उद्योग विभाग शिमला के आर्थिक अन्वेषक प्रमोद शर्मा ने योजना की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार पारंपरिक उद्योगों से जुड़े छोटे कारीगरों को संगठित कर उन्हें आधुनिक तकनीक, प्रशिक्षण और बाजार से जोड़ने का प्रयास कर रही है। स्फूर्ति योजना सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) तथा NABCON के सहयोग से चलाई जा रही है।

कार्यशाला में 70 से अधिक स्थानीय कारीगरों ने भाग लिया और अपने अनुभव साझा किए। उनका कहना था कि उन्हें पहली बार यह जानकारी मिली कि सरकार किस तरह से उन्हें आर्थिक मदद और प्रशिक्षण दे रही है। कार्यशाला में उन्हें व्यवसाय नियोजन, विपणन रणनीति, गुणवत्ता सुधार और उत्पाद विविधीकरण जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया।

शर्मा ने बताया कि प्रदेश के 12 जिलों में ऐसी कार्यशालाएँ आयोजित की जाएंगी ताकि दूरदराज के क्षेत्रों के कारीगर भी इस योजना का लाभ उठा सकें। स्फूर्ति योजना का उद्देश्य कारीगरों को क्लस्टर मॉडल में संगठित कर उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता और सतत आजीविका को बढ़ावा देना है।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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