HimachalPradesh

माॅनसूनी आपदा में आर्ट ऑफ लिविंग बना सहारा, पीड़ितों को दी मानसिक राहत और जरूरी मदद

आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से आघात-उपरांत तनाव निवारण कार्यक्रम।

मंडी, 5 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में आई भीषण प्राकृतिक आपदा ने हजारों लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है। इस आपदा में जहां कई परिवारों ने अपने घर और सामान खो दिए, वहीं कई लोगों को मानसिक और भावनात्मक आघात भी झेलना पड़ा। ऐसे कठिन समय में गुरुदेव श्री श्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग जरूरतमंदों के लिए एक मजबूत सहारा बनकर सामने आई है।

संस्था के आघात-उपरांत तनाव निवारण कार्यक्रम ने प्रभावित लोगों को न सिर्फ मानसिक शांति दी, बल्कि उनमें जीवन के प्रति आशा भी जगाई। मंडी जिला के सराज विधानसभा क्षेत्र के दूरदराज गांवों में संस्था के स्वयंसेवकों ने लगातार ध्यान और योग सत्र आयोजित किए, जिनसे लोगों को भावनात्मक राहत मिली।

पराला गांव की पीड़ित तुल्जु देवी ने कहा कि अब तक कोई यह देखने नहीं आया था कि हम कैसे हैं, लेकिन हमें खुशी है कि आर्ट ऑफ लिविंग हमारी चुनौतियों को समझने आया।

संस्था ने न केवल प्रभावित गांवों में कपड़े, राशन, किताबें, कॉपियां और सोलर लैंप जैसी जरूरी सामग्री पहुंचाई, बल्कि राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे एसडीआरएफ कर्मियों और एजेंसियों के लिए भी ध्यान सत्र आयोजित किए। इससे उन्हें मानसिक ऊर्जा और स्पष्टता मिली, जिससे वे और बेहतर तरीके से काम में जुट सके।

डीएसपी मनोघर लाल (4वीं इंडिया रिजर्व बटालियन, जंगलबेरी कैंप, मंडी) ने बताया कि आपदा को दो महीने बीतने के बाद भी आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यकर्ता लगातार राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।

इन कार्यकर्ताओं में वरिष्ठ शिक्षिका साध्वी अमृता का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। उन्होंने अब तक 500 से अधिक लोगों को ध्यान से जोड़ने का कार्य किया है। वह प्रतिदिन 8 किलोमीटर पैदल चलकर गांव-गांव पहुंचीं और लोगों को सहायता सामग्री के साथ-साथ मानसिक संबल भी दिया।

संस्था जुलाई से ही लगभग 40 गांवों में सक्रिय है और जहां ज़रूरत है वहां तक राशन, सोलर लाइट और मनोबल पहुंचा रही है और यदि इसके लिए उन्हें कठिन इलाकों में पैदल यात्रा करनी पड़ी हो।

—————

(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

Most Popular

To Top