
जम्मू, 20 जुलाई (Udaipur Kiran) । भारतीय सेना ने एक बार फिर मानवीय संवेदनशीलता और तत्परता का परिचय देते हुए ज़मोला, खा गांव के 28 वर्षीय निवासी मोहम्मद फारूक को त्वरित चिकित्सकीय सहायता प्रदान की। फारूक को यह चोट 12,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित पंच गब्बर क्षेत्र में दैनिक कार्यों के दौरान पैर की अंगुली में लगी थी। शाम लगभग 7:30 बजे, स्थानीय ग्रामीणों द्वारा मोहम्मद फारूक को सेना की एक निकटवर्ती पोस्ट पर लाया गया। वहां तैनात भारतीय सेना के एक चिकित्सा प्रतिनिधि ने तत्परता से प्राथमिक उपचार दिया, घाव को साफ कर उसे ड्रेसिंग की और स्थिति की लगातार निगरानी की। इस समय पर की गई चिकित्सा सहायता ने गंभीर संक्रमण या अन्य जटिलताओं की आशंका को टालते हुए उनकी हालत को स्थिर करने में मदद की, जब तक कि आगे की चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित नहीं हो गई।
यह घटनाक्रम एक बार फिर इस बात को दर्शाता है कि कैसे भारतीय सेना दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों के जीवन और स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहती है, जहां सामान्य स्वास्थ्य सेवाएं अक्सर पहुंच से बाहर होती हैं। सेना की इस मानवतावादी पहल ने न केवल एक संभावित चिकित्सकीय संकट को टाल दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि जवान और आम जनता (जवान और आवाम) के बीच विश्वास और सहयोग का रिश्ता लगातार और गहराता जा रहा है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
