Madhya Pradesh

मप्र: ट्रेन से लापता अर्चना ने खुद रची गुमशुदगी की साजिश, मर्जी के खिलाफ शादी तय होने से थी नाराज

ट्रेन से लापता अर्चना मामले में पुलिस ने किया खुलासा

भाेपाल, 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । भोपाल जीआरपी ने अर्चना तिवारी मिसिंग केस से पर्दा उठा दिया है। अर्चना तिवारी (29) को 12 दिन बाद नेपाल बॉर्डर से बरामद कर लिया है। उसे बुधवार सुबह फ्लाइट से भोपाल लाया गया। अर्चना 7 अगस्त को नर्मदा एक्सप्रेस के एसी कोच से इंदौर से कटनी के बीच लापता हो गई थी। एसपी रेल राहुल कुमार लोढ़ा ने बुधवार काे भाेपाल मे प्रेस कांफ्रेंस कर मामले का खुलासा किया। उन्हाेंने बताया कि घर वाले उस पर शादी का दबाव बना रहे थे लेकिन अर्चना शादी नहीं करना चाहती थी, वह अपनी पढाई जारी रखना चाहती थी। घरवालाें के दबाव से परेशान हाेकर उसने गुमशुदगी का नाटक रचा और नेपाल पहुंच गई। पुलिस ने जांच कर उसे बरामद किया।

रेल एसपी राहुल लोढ़ा ने युवती के रहस्यमयी तरीके से गायब होने की वजह से लेकर प्लानिंग को अंजाम देने के घटनाक्रम का खुलासा किया। एसपी लोढ़ा ने बताया कि अर्चना को यूपी की लखीमपुर खीरी पुलिस की मदद से बरामद किया है। अर्चना छात्र राजनीति कर चुकी थी। उसने अपने बयानों में बताया कि वाे आगे पढ़ना चाहती थी, जबकि घर वाले उसकी शादी की जिद कर रहे थे। इसे लेकर उसका घर में कई बार झगड़ा होता था। उसका कहना था कि जब तक वह सिविल जज नहीं बन जाती, उसे विवाह नहीं करना है। इस बीच परिवार ने एक पटवारी लड़का देख लिया था और उससे शादी करवाना चाह रहे थे। जिससे वह मानसिक रूप से प्रताड़ित हो गई थी और इसी वजह से उसने रक्षाबंधन पर घर जाने से पहले ही भागने की योजना बना ली।’ घर से भागकर वे अकेले रहकर सिविल जज की तैयारी करना चाहती थी।

अर्चना ने पुलिस को बताया कि घर से बिना बताए निकलने की योजना उसी ने बनाई थी। उसका अपहरण नहीं हुआ है, इसी के साथ लापता रहने के दौरान उसके साथ किसी प्रकार का गलत काम भी नहीं हुआ है। रेल एसपी लोढ़ा ने बताया कि अर्चना एडवोकेट है और सिविल जज की तैयारी कर रही है, उसे पुलिस का काम करने का तरीका मालूम है। उसने ट्रेन में अपनी सीट पर अपना दुपट्‌टा और सामान छोड़ दिया था। मोबाइल मिडघाट में टूटा हुआ मिला, इस कारण पुलिस वहीं आस पास के इलाकों में उसे तलाशती रही।

दाे पुरूष दाेस्ताें की ली मदद

पूछताछ में युवती ने बताया कि ‘7 अगस्त को मैं इंदौर से कटनी के लिए ट्रेन (18233) इंदौर-नर्मदा एक्सप्रेस से रवाना हुई। इस दौरान इटारसी रेलवे स्टेशन पहुंचने से पहले मैंने अपने पुराने क्लाइंट तेजेन्दर सिंह जो पंजाब का रहने वाला है वर्तमान में इटारसी में रहता है, उससे मदद मांगी और कहा कि मुझे इटारसी उतरकर वापस इंदौर जाना है। उसे नर्मदापुरम स्टेशन पर उतार ले। तेजेंदर मदद के लिए तैयार हो गया। उसने नर्मदापुरम स्टेशन पर युवती को ट्रेन से उतारा, अपनी कार से इटारसी पहुंचाया। इटारसी पहुंचने से पहले उसने दोस्त सारांश जैन को कॉल कर दिया था। शुजालपुर का रहने वाला सारांश युवती के बताए अनुसार 7 अगस्त की रात को इटारसी पहुंच गया। युवती को लेकर शुजालपुर पहुंचा। यहां कुछ घंटे बिताने के बाद अगले दिन 8 अगस्त को कार से उसे इंदौर छोड़ दिया। यहां से वह हैदराबाद से दिल्ली पहुंच गई ओर दिल्ली से टैक्सी से उसके साथ धनगुढ़ी नेपाल पहुंच गई। फिर धनगुढ़ी से काठमांडू पहुंच गई। जहां सारांश ने अपने परिचित से बात कराकर किसी होटल में रूकवाया और खुद इंदौर चला गया। कुछ दिन बाद देवकोटा ने मुझे एक नेपाल की सिम दिलवा दी थी। जिससे मैं व्हाट्सएप से सारांश से बात करती रही।’ बता दें, इससे पहले अर्चना की गुमशुदगी मामले में ग्वालियर के भंवरपुरा थाने के आरक्षक राम तोमर से पूछताछ की गई थी। अर्चना और राम बीते 2 साल से संपर्क में थे। राम ने अपनी आईडी का इस्तेमाल कर मोबाइल से अर्चना के लिए इंदौर से कटनी का टिकट बुक किया था।

पुलिस ने खंगाले दो हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज

जांच में मालूम चला है कि अर्चना ने हरदा में बैठकर तेजिंदर के साथ कुछ दिन पहले प्लान बनाया था। तेजिंदर उसके साथ ट्रेन में मौजूद था। उसी ने कपड़े दिए थे जिसे बदलकर वह भागी थी ताकि उसकी पहचान न हो। तेजिंदर को इसी घटनाक्रम के दौरान फ्रॉड के मामले में दिल्ली पुलिस उठाकर ले गई थी। अर्चना ने ट्रेन में बैग इसलिए छोड़ा था ताकि पुलिस को लगे कि अर्चना ट्रेन से गिरकर हादसे का शिकार हो गई है। पुलिस ने तेजेंदर और सारांश तक पहुंचने के लिए अलग-अलग स्टेशन के करीब दो हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। सीडीआर के आधार पर तेजेंदर और सारांश से पूछताछ की गई। तब उसके नेपाल में होने की जानकारी मिली। जिसके बाद पुलिस ने नेपाल एम्बेसी की मदद से युवती को नेपाल बॉर्डर लखीमपुर खीरी तक डिपोर्ट कराया। इसी मामले में जीआरपी ने शुजालपुर निवासी सारांश जैन को भी 18 अगस्त की रात पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। सारांश एग्रीकल्चर ड्रोन कंपनी में काम करता है। फिलहाल, इंदौर में रहता है। सारांश के पिता जोगचंद्र ने कहा, ‘बेटे ने कभी अर्चना का नाम नहीं बताया। 3 महीने पहले सपना नाम की एडवोकेट से प्रेम की बात कही थी। हमने बेटे को समझाया था कि कोई गलती न करे। हमें पूरा भरोसा है कि वह निर्दोष है।’

क्या है पूरा मामला

कटनी निवासी अर्चना इंदौर से सिविल जज की तैयारी कर रही थी। वह 7 अगस्त को इंदौर से नर्मदा एक्सप्रेस ट्रेन के एसी कोच बी-3 में कटनी के लिए सवार हुई थी। बीच रास्ते में ट्रेन से लापता हो गई। जब ट्रेन कटनी पहुंची तो सीट पर सिर्फ बैग रखा मिला। इसके बाद से इंदौर, भोपाल, कटनी जीआरपी, जिला पुलिस बल के साथ ही वन विभाग की टीमें भी जंगल में उसकी सर्चिंग कर रही थी। पुलिस को पता लगा था कि मंगलवार सुबह अर्चना ने अपनी मां को कॉल कर सुरक्षित होने की बात कही थी। परिवार के करीबी युवा कांग्रेस नेता देवांशु मिश्रा ने भी मां से अर्चना की बात होने की पुष्टि की थी। इस कॉल के आधार पर पुलिस अर्चना की लोकेशन ट्रैस करने में जुट गई थी।

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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे

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