
जयपुर, 18 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश की स्कूलों की इमारतों की बदहाल स्थिति से जुड़े मामले में राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए 22 अगस्त तक का समय दिया है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में अदालत का सहयोग करने के लिए महेन्द्र शांडिल्य, एसएस होरा और तन्मय ढंड न्यायमित्र नियुक्त किया है। जस्टिस महेन्द्र गोयल और जस्टिस अशोक कुमार जैन की खंडपीठ ने आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि मामले में जल्दी ही जवाब पेश कर दिया जाएगा। वहीं अन्य पक्षकारों ने भी जवाब के लिए समय मांगा। इस पर अदालत ने मामले में सुनवाई 22 अगस्त को तय की है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने गत 28 जुलाई को प्रदेश की सरकारी स्कूलों के जर्जर भवनों सहित उनमें संसाधनों की कमी को लेकर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया था। इसके साथ ही अदालत ने मामले में शिक्षा मंत्रालय, बाल विकास मंत्रालय, मुख्य सचिव, एसीएस शिक्षा, प्रमुख बाल कल्याण सचिव और राष्ट्रीय बाल आयोग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है था। वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट की एक अन्य एकलपीठ ने स्कूल भवनों के हालातों को लेकर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया था। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने दोनों स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर जनहित याचिका के तौर पर एक साथ सुनवाई कर रही है।
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(Udaipur Kiran)
