
शिमला, 07 जुलाई (Udaipur Kiran) । पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादकों की चिंता को केंद्र सरकार के समक्ष मजबूती से रखा है। उन्होंने केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर अमेरिका से आयात किए जाने वाले सेब पर संभावित टैरिफ कटौती के खिलाफ अपनी बात रखी और किसानों की आजीविका की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है।
ठाकुर ने अपने पत्र में लिखा कि हिमाचल प्रदेश भारत में सेब उत्पादन में लगभग 25% योगदान देता है, जो सालाना लगभग 6.5 लाख मीट्रिक टन होता है। इससे राज्य की आर्थिक व्यवस्था को 5,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष लाभ होता है। राज्य के अधिकांश सेब किसान 5 से 10 बीघा की छोटी जोतों पर निर्भर हैं और उनके लिए सेब उत्पादन आय का मुख्य स्रोत है।
अनुराग ठाकुर ने चिंता जताई कि भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ताओं के चलते यदि टैरिफ कटौती होती है, तो इसका सीधा असर हिमाचल प्रदेश के बागबानों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका से आयातित रेड डिलीशियस सेब पहले ही घरेलू बाजार पर दबाव बना रहे हैं, क्योंकि वहां की उत्पादन लागत संघीय सहायता कार्यक्रमों के कारण अपेक्षाकृत कम है। ऐसे में यदि टैरिफ में और कटौती होती है, तो यह प्रतिस्पर्धा को और असमान बना देगा।
ठाकुर ने यह भी बताया कि अमेरिका से सस्ते सेबों के आयात से न्यूजीलैंड, चिली आदि जैसे देशों से आयातित सेबों की कीमतों पर भी प्रभाव पड़ेगा, जिससे भारत में सेब उत्पादकों की स्थिति और कमजोर हो सकती है। इससे न केवल सेब किसानों, बल्कि इससे जुड़े कृषि मजदूरों और विपणन तंत्र में लगे लाखों लोगों की आजीविका पर भी खतरा मंडराएगा।
अपने पत्र में अनुराग ठाकुर ने आग्रह किया कि अमेरिका से टैरिफ कटौती को लेकर किसी भी बातचीत में हिमाचल प्रदेश के किसानों के हितों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ आर्थिक मुद्दा नहीं, बल्कि लाखों किसानों और मजदूरों की जीवनरेखा से जुड़ा विषय है, जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
—————
(Udaipur Kiran) शुक्ला
