






खेतों में कटने को रखी धान की फसल के सड़ने का सता रहा है डर, अमरकंटक में कोहरे की चादर
अनूपपुर, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में बीते कई दिनों से चक्रवाती तूफान मोंथा के असर से ऐसा लग रहा हैं कि बारिश का मौसम लौट रहा हैं। रविवार से मौसम ने करवट बदली हैं तब से आज बुधवार तक रूक -रूक कर बे मौसम बारिश हो रहीं हैं। जिससे जिले भर के किसानों में चिंता बढ़ी हैं। हर जगह पानी-पानी हो गया। ऐसे में खेतों में पककर तैयार धान की फसल का क्या होगा। उन किसानों को तो और अधिक चिंता सता रही है जिनकी फसल कटकर खेत में पड़ी है। हिन्दुस्थान समचार के संवाददाता ने मौके पर पहुंच किसानों से बातचीत की जिससे उनकी परेशानी सामने आई। वहीं विश्व प्रसिद्ध धार्मिक व पर्यटक नगरी अमरकंटक में धुंध (कोहरा) बनी हुई है जिससे आवागमन में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
खेतों से पानी निकालने में जुटे किसान
अनूपपुर जिला मुख्यालय से लगे हुए गांवों में किसान अपने खेतों में फावड़ा की मदद से खेतों से पानी निकाल रहें हैं। कुछ किसान खेतों में धान की कटी फसलों को खेत के मेड़ के ऊपर रख कर बचाने का प्रयास कर रहें हैं, तो कुछ खेतों में पूरी फसल पानी से लबालब हैं। जैतहरी विकासखंड के ग्राम सेंदुरी निवासी किसान छत्रशाल राठौर ने बताया कि सुबह 5 बजे से वो खेत पर पहुंचे हुए हैं। पहले फसल को उठाकर मेड़ पर रखने की कोशिश की, जब लगा कि इसमें बहुत ज्यादा समय और मेहनत लगेगी, तो फिर खेत से पानी निकालने के लिए नाली बनाना शुरू कर दिया। कुछ खेतों में फसले पूरी तरह गिर गई, समय रहते अगर पानी नहीं निकाला गया तो पूरी धान सड़ जायेंगी।
गिरी फसल को उठाना मुश्किल
विकासखंड पुष्पराजगढ़ ग्राम हर्रा टोला निवासी लक्ष्मी प्रसाद नेटी ने बताया कि सुबह से सिर्फ अपने फसल की सुरक्षा में डटे हुए हैं। जितने रकबे में धान की खेती की है, उससे वह पूरे वर्ष के लिए अपने खाने की व्यवस्था करते हैं, अब फसल तो तैयार है, पिछले 4 महीने से यहीं पर रहकर इसकी रखवाली की है और अब जब फसल कटकर खेत में पड़ी हुई है, तो इस बेमौसम बरसात से लगता है यह भी बर्बाद हो जाएगी। कुछ किसानों ने बेमौसम बरसात के एक दिन पूर्व ही अपनी धान की फसलों को कटवाया है। और उसके बाद इस बारिश से नहीं लगता कि सही फसल सही सलामत घर पहुंच पायेंगी।
अधिया खेती, उसमें भी आसमानी आफत
ग्राम पिपरिया के किसान राजू पटेल ने बताया कि सुबह से खेत में एक बार आ गये हैं खेत में आधी फसल कट चुकी हैं और अब बारिश से खेत में पानी भर गया है पानी निकलने के लिए सुबह नाली बनाई थी अब उसी को देखने जा रहे हैं कि पानी निकल गया है या अभी बचा है अगर बचा होगा तो उसे भी निकालेंगे। मेडियारास के किसान भजन पटेल ने बताया कि दूसरे की खेत पर अधिया खेती की है, इसमें सब कुछ आधा-आधा लगाना होता है मतलब जो खर्चा खेती पर आता है उसमें आधा-आधा करना पड़ता है और जो भी फसल मिलती है वह भी आधी जमीन मालिक के साथ बांटनी होती है। पहले से वो अधिया खेती कर रहे हैं इतनी लागत भी लग गई है और अब इस बेमौसम बरसात ने उन्हें चिंतित कर दिया है कि कहीं हाथ आई फसल भी न चली जाए।
अमरकंटक में कोहरे की चादर
विश्व प्रसिद्ध धार्मिक व पर्यटक नगरी अमरकंटक में धुंध बनी हुई है अमरकंटक के नर्मदा उद्गम मंदिर का परिसर भी कोहरे की चादर से ढका नजर आ रहा है। कोहरे के कारण यहां दृश्यता काफी कम हो गई है। जिससे आवागमन में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वाहन चालकों को वाहन चालाने में काफी परेशानी हो रहीं हैं। सामने का कुछ दिखाई नहीं देने से दुर्घटना का अंदेशा बना रहता हैं। यहां आने वाले पर्यटकों और सैलानियों को अपने वाहन नियंत्रित गति से चलाने पड़ रहे हैं। इस मौसम का आनंद लेने के लिए देश के हर कोने से लोग अमरकंटक पहुंच रहे हैं। पूरा क्षेत्र कोहरे की चादर से ढका हुआ है। रुक-रुक कर हो रही बारिश इस नजारे को और भी खूबसूरत बना रही है। ऊपर पहाड़ों से नीचे मैदानी इलाकों का नजारा देखते ही बनता है।
(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला