
अनूपपुर, 24 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिला मुख्यालय में सनातन संस्कृति के दिव्य आदर्शों एवं मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और माता सीता के पावन विवाह उत्सव को जीवंत करने के उद्देश्य से नगर में स्थित श्रीराम जानकी मंदिर में मंगलवार को श्री सीताराम विवाह महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जिसे लेकर पूरे नगर सहित आसपास के क्षेत्रों में अद्भुत उत्साह और श्रद्धा का माहौल है।
पार्षद दीपक शुक्ला ने बताया कि “यह केवल कार्यक्रम नहीं, सनातन परंपराओं का पुनर्जागरण है”सीताराम विवाह केवल धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सनातन संस्कृति में धर्म, कर्तव्य, प्रेम और मर्यादा के शाश्वत संदेश को जन-जन तक पहुँचाने का माध्यम है। उन्होंने कहा“आज जब समाज में मूल्यहीनता और भटकाव बढ़ रहा है, ऐसे में प्रभु श्रीराम और माता जानकी के विवाह संस्कारों का स्मरण समाज को पुनः धर्ममार्ग पर अग्रसर करता है। यह आयोजन हमारे वार्ड और नगर के लिए सौभाग्य का क्षण है।”
शोभायात्रा व, बारात पहुंचेगी रामजानकी मंदिर
आयोजन समिति की जानकारी के अनुसार बारात प्रस्थान स्थल श्री शिव मारूति मंदिर, सामतपुर से निकल कर गंतव्य श्री रामजानकी मंदिर अनूपपुर पहुंचेगी। जो दोपहर 3:30 बजे बरात की शोभायात्रा में शंख, घंटा-घड़ियाल, पुष्पवर्षा,भजन-कीर्तन के साथ भक्तगण जय श्रीराम के उद्घोष करते हुए आगे बढ़ेंगे। नगरवासी इस शोभायात्रा का स्वागत करने के लिए मार्ग में तोरण-द्वार, पुष्प-मालाएं और धार्मिक सजावट कर रहे हैं।
दिव्य वैदिक विधि से होगा विवाह संस्कार
रामजानकी मंदिर में वैदिक ब्राह्मणों द्वारा अग्नि के समक्ष पूर्ण विधि-विधान से विवाह संस्कार संपन्न कराया जाएगा। जहां विदर्भ, दक्षिण, मिथिला और अवध की विवाह परंपराओं का संगम इस आयोजन में देखने को मिलेगा। इसके लिए मंदिर प्रांगण को पुष्पों, झालरों और पारंपरिक कलात्मक सज्जा से संवार दिया गया है। माता सीता और भगवान श्रीराम की भव्य प्रतिमाओं का विशेष श्रृंगार किया गया है, जिसमें पारंपरिक आभूषण, पीताम्बर, चूड़ामणि और वस्त्र शामिल हैं।
सामूहिक सहयोग भक्ति का विराट रूप
श्रीराम जानकी मंदिर ट्रस्ट और नागरिकों के सहयोग से यह आयोजन स्वरूप ले रहा है। स्थानीय युवाओं, माता-बहनों, समाजसेवियों और वरिष्ठजनों की टोली लगातार तैयारियों में लगी हुई है। कोई जलपान व्यवस्था संभाल रहा है, कोई सजावट, तो कोई भजन-कीर्तन की तैयारी में लगा है। सनातन परंपरा में श्रीराम और सीता का विवाह धर्म और नीति के आदर्शों का प्रतीक है। इस आयोजन से समाज में निम्न संदेश प्रसारित होंगे,स्त्री–पुरुष समानता और आदर, जैसा कि श्रीराम माता सीता का सम्मान करते हैं।
भक्तों से उपस्थित होने की अपील
मंदिर समिति ने सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि वे अपने परिवार सहित समय पर कार्यक्रम में उपस्थित होकर इस दिव्य उत्सव का आनंद लें तथा सनातन परंपराओं को सजीव रखने में अपना योगदान दें।
(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला