Madhya Pradesh

अनूपपुर: कार्तिक पूर्णिमा में गणेश धून से प्रारंभ होगी अमरकंटक में मैकल पर्वत की सप्त दिवसीय परिक्रमा

स्वामी भगवानदास जी महाराज

अनूपपुर, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में माँ नर्मदा जी की उद्गम स्थली अमरकंटक में इस वर्ष भी भव्य मैकल परिक्रमा पर्व का आयोजन भक्तिभाव और श्रद्धा के साथ किया जा रहा है। यह सप्तदिवसीय पवित्र यात्रा कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर बुधवार, 5 नवंबर को गणेश धूआ स्थल से प्रारंभ होगी और 11 नवंबर को वहीं सम्पन्न होगी। यात्रा के संरक्षक माँ नर्मदा श्री सीताराम जू महाराज (1008) तथा आयोजक माँ नर्मदा मैकल परिक्रमा समिति अमरकंटक होंगे।

यात्रा के संयोजक गणेश धूआ के महंत स्वामी श्री भगवानदास महाराज ने बताया कि यह यात्रा लगभग 120 किलोमीटर लंबी पवित्र परिक्रमा है, जिसमें जंगली, मैदानी और पहाड़ी क्षेत्र शामिल हैं। इसका उल्लेख नर्मदा पुराण के 28वें अध्याय के श्लोक 124 और 129 में मिलता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, मैकल पर्वत की परिक्रमा करने से व्यक्ति को पृथ्वी के सभी तीर्थों की परिक्रमा के समान पुण्य प्राप्त होता है। भगवान शंकर ने स्वयं माता पार्वती से कहा है कि इस पर्वत की श्रद्धापूर्वक परिक्रमा करने से कायिक, वाचिक और मानसिक पाप, काम, क्रोध, लोभ तीनों का नाश होता है।

इस यात्रा में माँ नर्मदा जी की भव्य झांकी और रथ यात्रा आकर्षण का केंद्र रहेंगे। सैकड़ों साधु-संत, भक्तजन एवं श्रद्धालु इसमें सम्मिलित होंगे। भक्तजन इस यात्रा के माध्यम से ऐश्वर्य, धन-धान्य, रिद्धि-सिद्धि प्राप्त करने के साथ अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। यह यात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि राष्ट्र रक्षा, संस्कृति, धर्म, पर्यावरण संरक्षण और आध्यात्मिक एकता का संदेश भी देती है।

यात्रा का विस्तृत कार्यक्रम इस प्रकार रहेगा:

5 नवंबर: गणेश धूआ से प्रारंभ, रात्रि विश्राम जगतपुर करंजिया (जिला डिंडोरी)।

6 नवंबर: जगतपुर से पकड़ी सोडा खन्नात तक यात्रा, रात्रि विश्राम वहीं।

7 नवंबर: खन्नात से जालेश्वर धाम (अमरकंटक, छत्तीसगढ़ सीमा) तक।

8 नवंबर: जालेश्वर धाम से पकरिया गौरेला (छत्तीसगढ़) तक।

9 नवंबर: पकरिया से माई का मांडवा (थाड़पथरा, छत्तीसगढ़) तक।

10 नवंबर: माई का मांडवा से आमांडोब गौरेला (छत्तीसगढ़)।

11 नवंबर: आमांडोब से अमरकंटक प्रवेश, माँ नर्मदा मंदिर में पूजन, महाआरती, तत्पश्चात गणेश धूआ पहुंचकर हवन, पूजन, कन्या भोज और भंडारा के साथ परिक्रमा का समापन होगा।

पूरे सप्त दिवस तक कीर्तन और भजन निरंतर चलते रहेंगे, जिससे सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय बनेगा। इस आयोजन में स्वामी सुदर्शन गिरी जी महाराज (अमरकंटक), अजय कुमार साहू (गाडासराई), पप्पू सिंह तोमर (अमरहा), हनुमान गर्ग (कोतमा), पुरुषोत्तम पिपरहा, लल्लू दुबे (बर्नाई), रवि शर्मा (कोतमा), बृजलाल राठौर (गौरेला), श्रीकांत पाटिल (सांगली, महाराष्ट्र), राजेश अग्रवाल (गौरेला), रज्जू सिंह नेताम (अमरकंटक), राजकुमार तिवारी और कैलाशनाथ शर्मा (जोधपुर, राजस्थान) सहित अनेक श्रद्धालु अपनी प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।

उल्‍लेखनीय है कि मैकल परिक्रमा पर्व श्रद्धा, समर्पण और नर्मदा माँ की भक्ति का ऐसा अद्भुत संगम है, जो धर्म, प्रकृति और मानवता को एक सूत्र में बांधने का संदेश देता है।

(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला

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