Madhya Pradesh

अनूपपुर: कोतमा पुलिस की लापरवाही बनी आत्महत्या का कारण,शिकायत पर कार्रवाई न होने से आहत था मृतक

धरने में बैठे पूर्व विधायक
फांसी में लटका बहोरी साहू
धरने में बैठे जनप्रतिनिधी

धरने पर बैठे परिजन और जनप्रतिनिधि, समझाई के बाद उतारा शव

अनूपपुर, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले कोतमा थाना के छुल्हा गांव में रहने वाले 46 वर्षीय बहोरी साहू ने शनिवार को अपने घर के कमरे में लोहे की जंजीर से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की जेब से मिले पत्र में स्थानीय व्यक्ति पर मृतक की पत्नी के साथ मिलकर प्रताड़ित करते हुए मारपीट करने एवं धमकी का जिक्र किया गया है।

जानकारी अनुसार मृतक गांव के सरपंच पति की प्रताड़ना से त्रस्त था। गत दिनों मारपीट की शिकायत उसने पुलिस में भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई ना होने से वह परेशान था। परिजनों व ग्रामवासियों का आरोप है कि युवक के साथ सरपंच पति और उनके पुत्रों ने 13 अगस्त को मारपीट की थी जिसकी शिकायत कोतमा थाने में की गई थी। जब परिजनों को 14 अगस्त को पता चला और उन्होंने लखन त्रिपाठी के लड़कों से मारपीट का कारण पूंछा तो गांव के 5 से 7 लड़कों के साथ पुनः मारपीट की गई। जिसकी शिकायत 15 अगस्त को कोतमा थाना में की गई मगर दूसरे पक्ष के आते ही पीड़ित का न मेडिकल कराया गया न उनकी एफआईआर दर्ज की गई। यहां तक कि थाना परिसर में ही युवक को धमकी मिली। लेकिन इसके बाद भी आरोप लग रहे हैं कि कोतमा पुलिस ने कोई एक्‍शन नहीं लिया । जिस कारण युवक ने अपने आत्‍म सम्‍मान में परेशान होकर फांसी लगा ली।

घटना के बाद सामने आया कि परिजन व ग्रामवासी शव को फांसी से नहीं उतरने दे रहे थे और धरना देकर आरोपितों की गिरफ्तारी एवं दोषी पुलिस कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। मुर्दाबाद के नारे भी लगे । इस दौरान कोतमा के पूर्व विधायक सुनील सराफ एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य मंगलदीन साहू, कोतमा जनपद अध्यक्ष अभिषेक सिंह, भाजपा कोतमा ग्रामीण मंडल अध्यक्ष राजेश वर्मा, दीपनारायण उर्मलिया सहित जनप्रतिनिधि व ग्रामीण धरने पर बैठे और कोतमा पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते रहे ।

इस बीच पुलिस की लगातार समझाइश के बाद शव फांसी से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए कोतमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया।

थाना प्रभारी कोतमा रत्नांबर शुक्ला ने बताया कि अवैध संबंध के कारण आत्महत्या की बात सामने आ रही है। पूर्व की शिकायत पर एफआईआर और मर्ग की जांच के बाद धारा बढ़ाई जायगी। 15 अगस्त की शिकायत की जांच के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन पर डे ऑफिसर पर भी वैधानिक कार्रवाई की जायेगी।

(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला

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