Madhya Pradesh

अनूपपुर: बेमौसम बारिश से धान की फसलें चौपट, किसानों के लिए मुआवजे की मांग

कटी धान के खेत में भरा पानी
खाराब धान की फसल

अनूपपुर, 1 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में बीते कई दिनों से लगातार हो रही बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है लगातार रुक-रुक कर बरस रहे पानी से धान की फसलें खेतों में ही खराब हो रही हैं, खेतों में पानी भर जाने से फसलें सड़ने लगी हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

अचानक हुई वर्षा ने उन किसानों के सामने संकट खड़ा कर दिया है, जो पूरे साल की मेहनत के बाद अब फसल की कटाई की तैयारी में थे। कई किसानों ने बताया कि इस समय धान की फसल पकने की स्थिति में थी, ऐसे में लगातार बारिश ने खेतों में पानी भर जाने से कटाई असंभव बना दी है. खेतों में गिरी फसलें अब सड़ने लगी हैं और धान की गुणवत्ता पर भी बुरा असर पड़ रहा है।

पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने जताई चिंता, लिखा पत्र

किसानों की इस गंभीर समस्या को देखते हुए अनूपपुर पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष रमेश सिंह ने चिंता जताते हुए कलेक्टर अनूपपुर को पत्र लिखकर तत्काल राहत और मुआवजे की मांग की है। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का तत्काल सर्वे कराकर नुकसान का आकलन करने और किसानों को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया प्रारंभ करने की बात कहीं हैं। पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि क्षेत्र के अधिकांश किसान धान की खेती इसके अलावा कुछ किसानों ने सोयाबीन और कई फसल लगाये थे उन्हें भी भारी नुकशान हुआ हैं इन फसलो पर निर्भर किसानों को बेमौसम बारिश के कारण उनकी सालभर की मेहनत पर पानी फिर गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की स्थिति को देखते हुए शीघ्रता से राहत पैकेज घोषित करना चाहिए, ताकि किसान अगली फसल की तैयारी कर सकें।

किसान संगठनों ने किया स्वागत

पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष की इस पहल का किसान संगठनों ने स्वागत किया है। किसान नेताओं ने कहा कि बारिश से कई गांवों में फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं और किसानों की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है, ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द राहत राशि प्रदान करनी चाहिए, ताकि किसान फिर से खेती के लिए तैयार हो सकें।

आर्थिक संकट गहराने की आशंका

मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में भी हल्की बारिश की संभावना जताई गई है, जिससे किसानों की चिंता और बढ़ गई है। यदि जल्द धूप नहीं निकली तो खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह सड़ सकती हैं। इससे न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ेगा, बल्कि क्षेत्र की धान उत्पादन क्षमता भी प्रभावित होगी।

(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला

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