Madhya Pradesh

अनूपपुर: भारत के संविधान के 75 वर्ष पूरा होने पर संविधान की उद्देशिका का हुआ सामूहिक वाचन

कलेक्टर हर्षल पंचोली भारत के संविधान की उद्देशिका का वाचन करते हुए
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्व विद्यालय अमरकंटक में विशेष कार्यक्रम का आयोजन

अनूपपुर, 26 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में भारत के संविधान के 75 वर्ष पूरा होने पर जिला पंचायत सहित पंचायती राज संस्थाओं, विद्यालय और विश्वविद्यालयों में संविधान की उद्देशिका का वाचन किया। उल्लेखनीय है कि भारतीय संविधान को 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत किया गया था। इस दिवस को संविधान को अपनाने के रूप में प्रतिवर्ष संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर में कलेक्टर हर्षल पंचोली ने भारत के संविधान की उद्देशिका का वाचन किया। इस दौरान अपर कलेक्टर दिलीप कुमार पाण्डेय सहित संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन में संचालित विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी संविधान की उद्देशिका का सामूहिक रूप से वाचन किया।

जिला पंचायत सहित पंचायती राज संस्थाओं में भी किया गया उद्देशिका का सामूहिक वाचन

जिला पंचायत, जनपद पंचायत व पंचायतीराज संस्थाओं तथा जिले के सभी शासकीय कार्यालयों एवं शिक्षण संस्थाओं में भी भारत के संविधान की उद्देशिका का वाचन सामूहिक रूप से किया गया।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्व विद्यालय अमरकंटक में

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक ने भारत के संविधान के 75 वर्ष पूरा होने पर आंबेडकर चेयर तथा राजनीति विज्ञान और मानव अधिकार विभाग ने विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। विभाग के छात्र छात्राओं ने आंबेडकर चेयर के चेयरपर्सन प्रोफेसर तन्मय कुमार घोरई ने दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कॉलेज के प्रोफेसर विजय कुमार वर्मा का स्वागत शॉल और बुके से किया। कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय संविधान की भावना, मूल अधिकारों और नागरिक कर्तव्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।

दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कॉलेज के प्रोफेसर विजय कुमार वर्मा ने डॉ.भीमराव आंबेडकर के संवैधानिक दृष्टिकोण, सामाजिक समानता और न्याय मूल्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान केवल शासन का दस्तावेज नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का सबसे शक्तिशाली माध्यम है। समावेशीय राष्ट्र के निर्माण में संवैधानिक मूल्यों के योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला।

डीन एकेडमिक प्रोफेसर भूमि नाथ त्रिपाठी ने संविधान को भारतीय लोकतंत्र की आत्मा बताते हुए कहा कि इसकी रक्षा और पालन प्रत्येक नागरिक का नैतिक कर्तव्य है। राजनीति विज्ञान एवं मानव अधिकार विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एन. सुरजीत कुमार के वक्तव्य इस बात पर केंद्रित था कि भारत सरकार 26 नवंबर को संविधान दिवस क्यों मनाती है, उन्होंने इसके महत्वपूर्व बिंदुओं पर प्रकाश डाला , जिसे भारत सरकार ने हमारा संविधान हमारा स्वाभिमान नारे के साथ 24 जनवरी 2024 को शुरू किया।

समापन में राजनीति विज्ञान व मानव अधिकार विभाग के सह आचार्य डॉ.उदय सिंह राजपूत ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया। संचालन आदित्य और सुनिधि ने किया। संयोजन राजनीति विज्ञान और मानव अधिकार विभाग की सहायक प्रोफेसर ज्योति सिंह तथा डॉ. पंकज तिवारी ने किया। कार्यक्रम में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अनिल कुमार, सहायक प्रोफ़ेसर डी. न. चौबे, सहायक प्रोफेसर राहुल यादव समेत विश्वविद्यालय के अन्य विभागों के प्रोफेसर, शोधार्थी, छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में शामिल हुए।

(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला