Madhya Pradesh

अनूपपुर: आंखो में घुसा लोहे का टुकड़ा नेत्र चिकित्सक ने ऑपरेशन कर निकाला

मरीज व आंख से निकला लाेहे का टुकडा

अनूपपुर, 5 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) ।

अनूपपुर। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिल मुख्यालय में जिला चिकित्सालय के नेत्र विभाग में अनूपपुर निवासी अकालु नामक व्यक्ति को रविवार को कार्य करते समय लोहे का टुकड़ा दाईं आंख के अंदरूनी कक्ष में चला गया, जिसे जिला चिकित्सालय के नेत्र विभाग डां. जनक सारीवान को दिखाया गया जिस पर निरीक्षण उपरांत ऑपरेशन द्वारा सफलतापूर्वक निकाला गया, अब मरीज ठीक हैं। सामान्यत इस तरह के इलाज छोटे नगरो में सुविधा न होने से नहीं हो पाते किन्तुा अनूपपुर के नेत्र चिकित्सक ने सीमित संसाधनों में कर दिखाया।

नेत्र चिकित्सक डां. जनक सारीवान ने बताया कि शुक्रवार को अकालु नामक व्यक्ति जिला चिकित्सालय में आया जिसका लोहे का कार्य करते समय लोहे का टुकड़ा दाईं आंख के अंदरूनी कक्ष में चला गया था जिसका निरीक्षण उपरांत तत्का्ल ऑपरेशन कर सफलतापूर्वक लोहे के तुकडे को निकाला गया, अब मरीज ठीक हैं। उन्होने बताया कि इस प्रकार के समस्या का निराकरण उच्च संस्थानों में ही हो सकता है।

सावधानी बरतना

डां.सारीवान ने बताया कि ऐसी सावधानी बरतनी चाहियें प्रभावित व्यक्ति को तुरंत किसी नेत्र विशेषज्ञ (ऑप्थाल्मोलॉजिस्ट) के पास या आपातकालीन कक्ष में ले जाएँ। किसी भी दबाव या हलचल से बचाने के लिए, आँख को एक पट्टी या कप जैसे साफ ढक्कन से हल्के से ढक दें। व्यक्ति को शांत करें, उन्हें आँख को छूने, रगड़ने या दबाने से रोकें। टुकड़ा निकालने की कोशिश न करें, व्यक्ति को या खुद को लोहे का टुकड़ा निकालने का प्रयास नहीं करना चाहिए। इससे आँख को और नुकसान हो सकता है। पानी से न धोएँ: आँख को पानी से धोने या धोने की कोशिश न करें, क्योंकि इससे स्थिति और खराब हो सकती है। आँख को न रगड़ें: चोट से जलन हो सकती है, लेकिन आँख को रगड़ने से लोहे का टुकड़ा और गहरा जा सकता है।

इससे खतरा

उन्होने बताया कि आँख के अंदरूनी कक्ष में लोहे के टुकड़े के प्रवेश से कई गंभीर जटिलताएँ हो सकती हैं, इससे दृष्टि की हानि अगर समय पर इलाज न किया जाए तो स्थायी दृष्टि हानि या अंधापन हो सकता है। ओकुलर सिडरोसिस, आँख के अंदर लोहे के कण जमा होने से ऊतक और रेटिना को नुकसान पहुँच सकता है। आँख के लेंस में चोट के कारण मोतियाबिंद हो सकता है। बाहरी वस्तु से गंभीर संक्रमण का खतरा होता है।

(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला

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