
कोलकाता, 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । बीरभूम ज़िले में तृणमूल कांग्रेस की सांगठनिक कमान एक बार फिर अनुब्रत मंडल के हाथों में सौंप दी गई है। मवेशी तस्करी मामले में लंबी जेल यात्रा और संगठन से औपचारिक दूरी के बाद अब अनुब्रत को पार्टी की कोर कमिटी का संयोजक नियुक्त किया गया है। यह फैसला मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने सोमवार को रांगा बितान में बुलाई गई एक अहम बैठक में लिया।
अनुब्रत मंडल, जिन्हें ममता बनर्जी ‘केष्ट’ कहकर पुकारती हैं, पार्टी के सबसे भरोसेमंद नेताओं में शुमार किए जाते रहे हैं। वर्ष 2022 में जब वे जेल गए थे, तब ममता बनर्जी ने जिला संगठन की ज़िम्मेदारी संभालने के लिए एक कोर कमिटी का गठन किया था और उसमें संयोजक बनाए गए थे सिउड़ी के विकास रायचौधरी। उनके बाद यह पद खाली रहा और अध्यक्ष का काम रामपुरहाट के विधायक अशीष बनर्जी संभालते रहे।
हाल ही में कोर कमिटी का विस्तार हुआ था, जिसमें अनुब्रत मंडल को भी शामिल किया गया। इसके अलावा अभिजीत सिंह, चंद्रनाथ सिंह, सुदीप्त घोष और काजल शेख जैसे नेता भी समिति का हिस्सा हैं, जबकि सांसद शताब्दी राय और असित माल आमंत्रित सदस्य हैं। मगर अब समिति के नेतृत्व की पूरी ज़िम्मेदारी एक बार फिर से अनुब्रत मंडल को सौंप दी गई है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, बीते कुछ महीनों में अनुब्रत मंडल ने बगैर कोर कमिटी की सक्रियता के, ब्लॉक स्तर पर लगातार कार्यक्रमों के जरिए संगठन को फिर से मजबूत करना शुरू किया था। इन कार्यक्रमों में कोर कमिटी के कुछ सदस्य अनुपस्थित रहे, जिनमें ज़िला परिषद के सभाधिपति काजल शेख का नाम खास तौर पर सामने आया।
गौरतलब है कि मई महीने में तृणमूल कांग्रेस ने बीरभूम ज़िला अध्यक्ष का पद ही समाप्त कर दिया था, जिससे अनुब्रत मंडल केवल ‘तृणमूल नेता’ के रूप में ही रह गए थे। अब नए सिरे से मिली इस ज़िम्मेदारी को संगठन में उनकी वापसी के तौर पर देखा जा रहा है।
बीरभूम ज़िले में अनुब्रत मंडल की वापसी को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज़ हैं। आने वाले 2026 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए तृणमूल कांग्रेस इस ज़िले में अपने परंपरागत सांगठनिक ढांचे को फिर से मजबूती देने में जुट गई है। ऐसे में ‘केष्ट’ को कमान सौंपना ममता बनर्जी की रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
