
बीरभूम, 19 जून (Udaipur Kiran) । ज़िले में तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अनुब्रत मंडल उर्फ ‘केस्टो’ हाल ही में एक फोन कॉल में पुलिस अधिकारी को आपत्तिजनक भाषा में बात करने के मामले में बीरभूम पुलिस ने राष्ट्रीय महिला आयोग को दूसरी कार्रवाई रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुब्रत मंडल फिलहाल पुलिस जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं।
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, अब तक अनुब्रत मंडल को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की ज़रूरत महसूस नहीं हुई है। वहीं, शिकायतकर्ता द्वारा जमा किए गए दो मोबाइल फोनों की फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही यह तय किया जाएगा कि अनुब्रत मंडल के मोबाइल फोन को जांच के लिए लिया जाएगा या नहीं।
इस मामले में बीरभूम तृणमूल नेता काजोल शेख ने अपनी सफाई में कहा है कि इस बारे में उसी व्यक्ति से पूछिए जिसका ऑडियो सामने आया है। मेरा ऑडियो तो वायरल नहीं हुआ है।
दूसरी ओर, जब एक ही पुलिस अधिकारी को धमकी देने के मामले में तृणमूल छात्र परिषद के जिलाध्यक्ष विक्रमजीत साव को छह वर्षों के लिए निलंबित कर दिया गया, तो विपक्ष ने सवाल उठाया कि अनुब्रत मंडल पर ऐसी कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? विपक्ष का आरोप है कि क्या सिर्फ इसलिए उन्हें बख्शा जा रहा है क्योंकि वह तृणमूल के प्रभावशाली नेता हैं?
इस विवाद के बाद अनुब्रत मंडल शनिवार को पहली बार कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की एक अहम बैठक में शामिल हुए। पार्टी सूत्रों के अनुसार, उन्होंने बैठक में नेतृत्व से माफ़ी मांगी है। बैठक के बाद राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हाकिम ने कहा कि हमने उन्हें अंतिम चेतावनी दे दी है। पार्टी उनके बयान का समर्थन नहीं करती और हमें उम्मीद है कि वह भविष्य में ऐसी गलती दोबारा नहीं करेंगे।
फिरहाद हाकिम ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि जब अन्य दलों के नेताओं ने इस तरह की बातें की थीं, तब ऐसे सवाल नहीं उठाए गए। क्या सिर्फ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को ही जवाबदेह ठहराया जाएगा?
तृणमूल कांग्रेस द्वारा अनुब्रत मंडल को मौखिक चेतावनी देने की बात कही गई है, लेकिन अभी तक उनके खिलाफ कोई ठोस अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई है। यही कारण है कि विपक्ष इसे ‘पार्टी के भीतर दोहरे मानदंड’ का मामला बता रहा है।
(Udaipur Kiran) / अनिता राय
