

मास्को/बेलग्रेड, 30 जून (Udaipur Kiran) । रूस ने सोमवार को संकेत दिया कि सर्बिया में जारी सरकार विरोधी प्रदर्शन एक संभावित “कलर रिवॉल्यूशन” (रंग क्रांति) की कोशिश हो सकती है। क्रेमलिन ने कहा कि इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन उम्मीद है कि सर्बियाई नेतृत्व हालात पर काबू कर लेगा।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, “हम हालात पर नजर बनाए हुए हैं और पड़ोसी देश की मदद को हरसंभव तैयार है। हालांकि भरोसा है कि सर्बियाई नेतृत्व स्थिति को स्थिर कर लेगा।”
दरअसल, सर्बिया रूस का करीबी सहयोगी है, और वहां बीते शनिवार को राजधानी बेलग्रेड में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़प हुई थी। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि राष्ट्रपति अलेक्ज़ेंडर वुचिच का इस्तीफा हो और तात्कालिक आम चुनाव कराया जाए। वुचिच 12 साल से सत्ता में हैं।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, रविवार को लगभग 1.4 लाख लोग राजधानी बेलग्रेड की सड़कों पर उतर आए थे। बावजूद इसके राष्ट्रपति वुचिच ने साफ किया कि वे किसी दबाव में नहीं झुकेंगे और हिंसक प्रदर्शन के बाद और गिरफ्तारियां होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि वे चुनाव की मांग नहीं मानेंगे।
क्या है ‘कलर रिवॉल्यूशन’?
‘कलर रिवॉल्यूशन’ शब्द का इस्तेमाल रूस और उसके सहयोगी देश अक्सर उन विरोध आंदोलनों के लिए करते हैं जिन्हें वे पश्चिमी देशों की शह पर सत्ता परिवर्तन की कोशिश मानते हैं। इससे पहले जॉर्जिया, यूक्रेन और किर्गिस्तान में ऐसे आंदोलनों के उदाहरण मिल चुके हैं।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
