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हिमाचल में नशे के खिलाफ शुरू होगी ‘एंटी-चिट्टा वालंटियर योजना’, एक हज़ार वालिंटियर होंगे तैनात

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शिमला, 25 सितंबर (Udaipur Kiran News) । हिमाचल प्रदेश सरकार ने नशे के खिलाफ चल रही मुहिम को और सशक्त बनाने के लिए बड़ी पहल की है। प्रदेश सरकार जल्द ही ‘‘एंटी-चिट्टा वालंटियर योजना’’ शुरू करने जा रही है। इस योजना के तहत 1000 स्वयंसेवक तैनात किए जाएंगे, जो समाज और पुलिस के बीच सेतु का काम करेंगे। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस योजना की घोषणा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मंडी जिले के सरकाघाट में की थी, जिसके बाद पुलिस विभाग ने सरकार को विस्तृत प्रस्ताव भेजा है।

एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि योजना के तहत नियुक्त वालंटियर समाज और युवाओं को चिट्टा व अन्य नशीले पदार्थों के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करेंगे। वे संदिग्ध गतिविधियों, नशे के हॉटस्पॉट और अपराधियों की जानकारी गोपनीय तरीके से पुलिस तक पहुँचाएंगे। यह स्कूलों, कॉलेजों और समुदायों में चलाए जाने वाले जागरूकता कार्यक्रमों, रैलियों, नुक्कड़ नाटकों और सोशल मीडिया अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। नशे की लत से प्रभावित लोगों को परामर्श और पुनर्वास केंद्रों से जोड़ने का काम भी यही वालंटियर करेंगे। सरकार इन पंजीकृत स्वयंसेवियों को सेवाओं के बदले मानदेय भी प्रदान करेगी।

प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री सुक्खू के नेतृत्व में पिछले ढाई वर्षों में नशे के खिलाफ विशेष प्राथमिकता के साथ काम किया गया है। इस अवधि में सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं। नई योजना से जमीनी स्तर पर खुफिया तंत्र मजबूत होगा, समाज में जागरूकता बढ़ेगी और प्रभावित लोगों को बेहतर पुनर्वास सेवाएं मिलेंगी। इस पहल का मुख्य उद्देश्य नशा मुक्त हिमाचल का लक्ष्य हासिल करना है।

उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें किसी फील्ड आइडेंटिफिकेशन में शामिल नहीं किया जाएगा और पुलिस उनकी पहचान पूरी तरह गोपनीय रखेगी। संवेदनशील मामलों में इन्हें सुरक्षा भी उपलब्ध करवाई जाएगी। वालंटियर को दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसमें एनडीपीएस एक्ट, पुलिस प्रक्रियाओं और सामुदायिक सहभागिता से जुड़ी जानकारी प्रदान की जाएगी।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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