
जयपुर, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने चुनावों के दौरान कृत्रिम रूप से निर्मित जानकारी और एआई-जनित सामग्री के बढ़ते दुरुपयोग को रोकने के लिए सभी राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों एवं प्रचार प्रतिनिधियों के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि ऐसी सामग्री चुनावी अखंडता, मतदाता विश्वास और समान अवसर के सिद्धांतों के लिए गंभीर खतरा बन रही है।
आयोग के ताज़ा परामर्श में कहा गया है कि तकनीकी साधनों से तैयार या संशोधित की गई कृत्रिम सामग्री वास्तविकता का भ्रम पैदा करती है, जिससे मतदाता गुमराह हो सकते हैं और चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए यह परामर्श जारी किया है, ताकि चुनावी प्रचार में पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे।
निर्वाचन आयोग ने यह भी स्मरण कराया है कि सभी राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों को सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 और आयोग द्वारा पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों (6 मई, 2024 और 16 जनवरी, 2025) का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य है।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि ये सभी निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे और सभी सामान्य एवं उपचुनावों में प्रभावी रहेंगे। निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को चेतावनी दी है कि इन निर्देशों का उल्लंघन गंभीर चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा।
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(Udaipur Kiran)