
ग्वालियर, 23 जून (Udaipur Kiran) । इंदौर के चर्चित ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की शिलांग में हुई हत्या से जुड़ी जांच अब ग्वालियर तक पहुंच गई है। ग्वालियर पुलिस ने सोमवार को गांधी नगर इलाके में स्थित केके प्लाजा के एक फ्लैट से एक संदिग्ध लोकेंद्र तोमर को पकड़ा है। पुलिस को शक है कि लोकेन्द्र ने राजा रघुवंशी की पत्नी सोनम और उसके प्रेमी राज का एक संदिग्ध बैग अपने पास छिपा रखा था। इस बैग में नकदी, हथियार और एक लैपटॉप होने की बात सामने आई है।
लोकेंद्र इंदौर की उस बिल्डिंग का मालिक है, जिसके फ्लैट में सोनम रुकी थी। उसने ये बिल्डिंग शिलोम जेम्स को किराए पर दी है। पुलिस शाम करीब 4.30 बजे ग्वालियर के गांधीनगर एमके प्लाजा में 105 नंबर में पहुंची थी। गार्ड ने बताया कि सिविल ड्रेस में चार लोग आए थे। उन्होंने गाड़ी दूर ही खड़ी कर दी थी। वे अपने साथ लोकेंद्र तोमर को ले गए। इधर, मेघालय पुलिस इंदौर से रवाना हो गई है। ग्वालियर पहुंचने पर आरोपित लोकेंद्र को शिलॉन्ग एसआईटी टीम के हवाले कर दिया जाएगा।
दरअसल, राजा रघुवंशी की हत्या के बाद इंदौर लौटी सोनम देवास नाका स्थित जिस फ्लैट में रुकी थी, उसी में उसने काले रंग का यह बैग भी छोड़ा था। शिलॉन्ग पुलिस इस बैग को तलाश रही थी। दो दिन पहले पुलिस ने फ्लैट के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो इस बैग के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद टीम ने उस बिल्डिंग के कॉन्ट्रैक्टर शिलोम जेम्स और गार्ड बलवीर अहिरवार को भी गिरफ्तार कर लिया। रविवार की रात शिलॉन्ग पुलिस ने शिलोम और बलवीर को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने आरोपितों को सात दिन की ट्रांजिट रिमांड में भेजा है।
बताया गया है कि लोकेंद्र तोमर के कहने पर ही सोनम का बैग जलाया गया था। इसकी पुष्टि प्रॉपर्टी डीलर शिलोम जेम्स के मोबाइल में मिली चैट से हुई है। शिलोम जेम्स ने पूछताछ में बताया है कि जिस बिल्डिंग में सोनम ठहरी थी, उसे तीन लाख रुपये प्रति माह किराए पर लिया था।
प्रॉपर्टी डीलर सिलोम जेम्स ने पूछताछ में बताया कि हत्या के बाद सोनम और राज इंदौर लौटे थे और वहीं लोकेंद्र की बिल्डिंग में एक किराए का फ्लैट लिया था। जब वह फ्लैट खाली हुआ, तो लोकेंद्र को वहां एक बैग मिला, जिसमें संदिग्ध सामग्री थी। पहले सिलोम ने बैग को नष्ट करने की बात कही, लेकिन बाद में उसने मान लिया कि बैग अभी भी लोकेंद्र के पास है। पुलिस जांच में सामने आया है कि हत्या की खबर के बाद लोकेंद्र इंदौर से भागकर ग्वालियर आ गया था और अपने फ्लैट में छिपा था। शिलांग और इंदौर पुलिस से मिले इनपुट के आधार पर ग्वालियर पुलिस ने उसे पकड़ा।
लोकेंद्र मूल रूप से मुरैना जिले का निवासी है, लेकिन पिछले कई वर्षों से ग्वालियर में रह रहा है। उसके पिता सेना से सेवानिवृत्त हैं और शहर के सागरताल क्षेत्र में रहते हैं। लोकेंद्र खुद भी टेलीकॉम सेक्टर में काम करता था। फिलहाल लोकेंद्र को ग्वालियर के एक थाने में रखा गया है। कोर्ट में पेश करने के बाद उसे ट्रांजिट रिमांड पर शिलांग भेजा जाएगा, जहां हत्या की मुख्य जांच चल रही है। इंदौर में पहले से मौजूद शिलांग पुलिस टीम और इंदौर क्राइम ब्रांच इस केस की संयुक्त जांच कर रही है।
ग्वालियर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया कि लोकेंद्र को हिरासत में लेकर सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं। शिलांग पुलिस की टीम उसे अपने साथ ले जाने की तैयारी कर रही है।
(Udaipur Kiran) तोमर
