HimachalPradesh

हिमाचल को आपदा के प्रति तैयार बनाएंगे : अनिरुद्ध सिंह

अनिरूद्व सिंह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए

शिमला, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर मंगलवार को शिमला स्थित ऐतिहासिक गेयटी थिएटर के बहुउद्देशीय सभागार में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। कार्यक्रम से पहले उन्होंने पद्म देव कॉम्प्लेक्स में विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का शुभारंभ किया और उसे देखा।

अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में आपदाएं प्राकृतिक कारणों की बजाय मानवजनित गतिविधियों के कारण अधिक हो रही हैं। उन्होंने कहा कि हम प्रकृति के संसाधनों का अनियंत्रित दोहन कर रहे हैं और नियमों की अनदेखी कर निर्माण कार्य कर रहे हैं। नदी-नालों के प्राकृतिक रास्तों में घर बनाए जा रहे हैं, जिससे बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम भूकंप रोधी भवन निर्माण तकनीक को नजरअंदाज कर रहे हैं, जबकि हिमाचल एक भूकंप संभावित क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन से भी आपदाओं की संख्या और तीव्रता लगातार बढ़ रही है। ऐसे में हमें प्रकृति के प्रति संवेदनशील और जागरूक व्यवहार अपनाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हर साल भारी बारिश, भूस्खलन, बाढ़ और भूकंप जैसी आपदाएं नुकसान पहुंचा रही हैं। खासकर मानसून के दौरान प्रदेश की आधारभूत संरचना को बड़ा नुकसान होता है। इन आपदाओं से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने 3645 पंचायतों में पंचायत आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र स्थापित किए हैं, जो आपदा के समय स्थानीय स्तर पर त्वरित राहत और बचाव कार्यों में मदद करेंगे।

अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार ने एजेंसी फ्रांस डि डेवलपमेंट के माध्यम से अगले पांच वर्षों के लिए करीब 892 करोड़ रुपये की लागत से डिजास्टर रिस्क रिडक्शन एंड प्रिपेयर्डनेस प्रोजेक्ट तैयार किया है। यह परियोजना प्रदेश में आपदा प्रबंधन को मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध होगी। इसके अलावा सरकार विश्व बैंक के सहयोग से 2650 करोड़ रुपये की लागत से ‘रेडी एचपी’ परियोजना शुरू करने जा रही है। इस परियोजना के माध्यम से प्रदेश की क्षतिग्रस्त आधारभूत संरचना का पुनर्निर्माण किया जाएगा, लोगों की आजीविका के साधनों को सुदृढ़ किया जाएगा और आपदा प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि आपदाओं से बचाव के लिए समाज के सभी वर्गों को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। आम जनता को सुरक्षित भवन निर्माण तकनीकों और जलवायु संवेदनशील योजनाओं को अपनाना होगा। विशेषकर युवाओं, महिलाओं और आपदा मित्र जैसे सामुदायिक स्वयंसेवकों की भूमिका को सशक्त बनाना होगा। उन्होंने कहा कि यदि हम सभी मिलकर कार्य करें तो अपने प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा कर सकते हैं और हिमाचल को एक आपदा के प्रति तैयार राज्य के रूप में स्थापित कर सकते हैं।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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