

– काशी उत्तर भाग, न्याय नगर के पथसंचलन में शामिल हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक
वाराणसी, 07 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक अनिल ने कहा कि संघ का ध्येय संपूर्ण भारत को संगठन एवं संस्कार से सशक्त बनाना है। संघ का शताब्दी वर्ष आत्ममंथन और आत्मविश्वास का कालखण्ड है। शताब्दी वर्ष केवल उत्सव का नहीं, स्व-चिंतन और स्व-संवर्धन का कालखण्ड है।
क्षेत्र प्रचारक अनिल मंगलवार को संघ के काशी उत्तर भाग, न्याय नगर की ओर से गिलट बाजार स्थित राज राजेश्वरी पार्क में आयोजित श्री विजयादशमी उत्सव एवं पथ संचलन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्वयंसेवक को स्वयं से प्रश्न करना चाहिए कि मैंने राष्ट्र की इस साधना में अपना कितना योगदान दिया?। संघ मानता है कि किसी राष्ट्र की शक्ति उसकी राजनीति में नहीं, संस्कृति में होती हैं। आज जब विश्व भौतिक प्रगति में डूबा है, तब भारत को ‘विश्वगुरु’ बनने का अवसर फिर से मिला है, परन्तु यह तभी संभव है जब हर नागरिक चरित्र, कर्तव्य और संगठन को अपने जीवन का आधार बनाए। उन्होंने कहा कि संघ का स्वयंसेवक केवल एक सामाजिक कार्यकर्ता ही नहीं अपितु वह राष्ट्र के पुनर्निर्माण का शिल्पकार है जो सेवा, संस्कार और समर्पण के माध्यम से समाज को जोड़ता है।
क्षेत्र प्रचारक ने कहा कि हम पर विधर्मी 2000 हजार वर्ष से आक्रमण कर रहें हैं। संघ आज भी उनसे संघर्ष कर रहा है, आज भी भारत इस कुत्सित प्रयास करने वालों से लड़ रहा है। भारतीय होने का मूल तत्व – भारतीय संस्कृति, सनातन परम्परा है। उत्सव, पर्व को मनाने का वैज्ञानिक कारण है। भारत में वर्ष के 365 दिन में उत्सव व त्यौहार मनाए जाते है। सामान्य बोलचाल की भाषा में कहा जाता है की भारत में सप्ताह के सात वार और नव त्यौहार हैं।
उन्होंने कहा कि महर्षि अरविंद ने अपने भाषण में कहा भी है कि ‘सनातन का उत्थान भारत का उत्थान है। सनातन का पतन हुआ, तो भारत का पतन होगा।’ आदि शंकराचार्य ने भारतीय संस्कृति के मूल स्वर — एकत्व (एकात्मता) — का उद्घोष किया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व आईपीएस अधिकारी संतोष कुमार सिंह ने कहा कि संघ की प्रार्थना में अजेय बनने की कामना है, और दूसरी आचरण की बात प्रार्थना में है कि हमारा आचरण ऐसा हो कि सारा संसार उसके समक्ष विनम्र हो जाए।
उन्होंने कहा कि जहां पूरा विश्व उपनिवेशवादी संस्कृति की ओर बढ़ रहा था ऐसे समय में अपने प्रार्थना की कल्पना संघ ने अपने प्रार्थना में किया है तो यह निश्चित रूप से हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है। इससे पूर्व अतिथियों ने शस्त्र पूजन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। तत्पश्चात स्वयंसेवकों ने अमृत वचन एवं एकल गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के पश्चात स्वयंसेवकों ने राज राजेश्वरी पार्क से पथ संचलन प्रारंभ किया। पथ संचलन शिवपुर पुरानी चुंगी से होते हुए वीडीए कॉलोनी शिवपुर, स्वस्तिक गार्डेनिया से होकर गिलट बाजार चौराहा से पुनः राज राजेश्वरी नगर पार्क पहुंचकर विराम लिया। राह में पथ संचलन पर विभिन्न स्थानों पुष्प वर्षा कर स्वयंसेवकों का अभिनन्दन किया गया।
कार्यक्रम में काशी उत्तर भाग के संघचालक गंगाधर, सहसंघचालक हरिनारायण सिंह बिसेन, भाग प्रचारक मोहित, नगर संघ चालक आनंद, अमरदीप, निर्मल, अभिषेक आदि ने भी भागीदारी की।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
