
-कंपनी बाल विकास और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान कर रही
सक्ती/रायपुर, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । वेदांता लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कंपनी की 60वीं वार्षिक आमसभा में विकास के अगले चरण का विजन साझा किया। उन्होंनेे कंपनी का आकार दोगुना करने की दिशा में खास 3डी रणनीति– डीमर्जर, डायवर्सिफिकेशन और डीलीवरेजिंग की विस्तार से जानकारी दी। अग्रवाल का कहना है कि डीमर्जर से गठित हर इकाई में 100 बिलियन डाॅलर यानी लगभग 8,35,000 करोड़ रुपये की कंपनी बनने की क्षमता है। उन्होंने बताया कि डाइवर्सिफिकेशन के जरिए वेदांता मौजूदा कारोबार पर ध्यान देने के साथ ही नए क्षेत्रों में कदम रखेगी। कंपनी की योजना महत्वपूर्ण खनिजों, दुर्लभ धातुओं (रेअर अर्थ), ऊर्जा संक्रमण धातुओं, बिजली, ऊर्जा और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में निवेश से अपना कारोबार बढ़ाने की है।
भारत के लक्ष्यों से जुड़ा वेदांता का विकास-वेदांता की योजना भारत की पहली औद्योगिक जिंक और एल्यूमीनियम पार्क स्थापित करने की है। इसके साथ ही वेदांता ने 1000 डीप-टेक स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की घोषणा की है जिससे भारत के टेक्नोलॉजी सेक्टर को गति मिलेगी। अग्रवाल ने कहा कि दुनिया रिसोर्स नेशनलिज्म देख रही है। उन्होंने भारत के आर्थिक भविष्य के लिए प्राकृतिक संसाधनों की केंद्रीय भूमिका और उनके महत्व पर जोर दिया। श्री अग्रवाल ने कहा कि भारत की भूवैज्ञानिक बनावट कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे संसाधन-समृद्ध देशों के समान है लेकिन भारत में केवल 25 प्रतिशत ही खोजबीन हुई है। कंपनी ने भारत में 10 महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक हासिल किए हैं जो किसी भी निजी क्षेत्र की कंपनी द्वारा सबसे अधिक हैं।
वेदांता ने जानकारी दी है कि वह दुनिया का पहला औद्योगिक जिंक पार्क और भारत का सबसे बड़ा एल्यूमिनियम पार्क भी स्थापित कर रही है। इनका उद्देश्य हजारों एमएसएमई को बढ़ावा देना और रोजगार के लाखों अवसर पैदा करना है । 99.5 प्रतिशत से अधिक शेयरधारकों और लेनदारों की मंजूरी के साथ वेदांता अपने वैल्यू-अनलॉक प्रस्ताव को लागू करने के उन्नत चरणों में है। इसके एक बार पूरा होने पर शेयरधारकों को चार नई विभाजित इकाइयों में से प्रत्येक में शेयर मिलेंगे।
वेदांता चेयरमैन अग्रवाल ने कहा कि अपनी लंबी अवधि की रणनीति के तहत वेदांता भविष्य के औद्योगिक दिग्गजों को भी तैयार कर रही है। कंपनी ने डीप टेक क्षेत्र में 1000 स्टार्टअप्स के साथ साझेदारी करने की योजनाओं की घोषणा की है। यह मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में भारत के सबसे बड़े औद्योगिक इनक्यूबेटर प्लेटफॉर्म में से एक बनने वाला है। इनका लक्ष्य भारत की आत्मनिर्भरता व आर्थिक नेतृत्व के व्यापक लक्ष्यों का समर्थन करना है। अग्रवाल ने स्थिरता, प्रौद्योगिकी और सामाजिक विकास के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को भी दोहराया। हिंदुस्तान जिंक को वैश्विक धातु और खनन क्षेत्र में पहला स्थान मिला है जबकि वेदांता एल्यूमिनियम एसएंडपी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2024 में एल्यूमिनियम श्रेणी में दूसरे स्थान पर है। कंपनी वर्ष 2050 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसकी प्रमुख सामाजिक प्रभाव पहल नंद घर 15 राज्यों में 8,500 केंद्रों को पार कर चुकी है। इसके जरिए कंपनी बाल विकास और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान कर रही है। अग्रवाल ने भारत में विश्वस्तरीय शिक्षा संस्थान स्थापित करने के अपने बड़े सपने के बारे में कहा कि यह हमारी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी पहलों का एक और स्तंभ होगा। वेदांता यूनिवर्सिटी एक विश्वस्तरीय संस्थान होगी। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कंपनी का राजस्व 1,50,725 करोड़ रुपये और एबिटा 43,541 करोड़ रुपये रहा। यह निफ्टी 100 में शीर्ष संपत्ति निर्माताओं में से एक बनकर उभरी जिसने शेयरधारकों को कुल 87 प्रतिशत का रिटर्न दिया।
आमसभा में अग्रवाल ने वेदांता के एक लाख कर्मचारियों के मजबूत योगदान की सराहना करते हुए धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि कंपनी के 22 प्रतिशत कर्मचारी और 28 प्रतिशत नेतृत्वकारी पदों पर महिलाएं हैं। वर्ष 2030 तक महिला प्रतिनिधित्व के स्तर को 30 प्रतिशत तक ले जाना कंपनी का लक्ष्य है।
(Udaipur Kiran) / केशव केदारनाथ शर्मा
