Madhya Pradesh

पन्ना टाइगर रिजर्व में दो हाथी शावकों का जन्म, अनारकली बनी माँ

बच्‍चों के साथ हंथिनी

पन्‍ना, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । वन्यजीव संरक्षण के लिए प्रसिद्ध पन्ना टाइगर रिजर्व में बीता दिन हर्ष और उत्साह से भरा रहा। परिक्षेत्र हिनौता के अंतर्गत रहने वाली 57 वर्षीय मादा हथिनी अनारकली ने एक ही दिन में दो स्वस्थ मादा शावकों को जन्म दिया। यह प्रसव रिजर्व प्रशासन और वन विभाग के लिए बेहद महत्वपूर्ण और खुशी का क्षण माना जा रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पहला मादा शावक खैरईया क्षेत्र में दोपहर 02:20 बजे जन्मा, जबकि दूसरा मादा शावक शाम 05:50 बजे हिनौता हाथी कैंप में जन्मा। दोनों ही शावक जन्म के तुरंत बाद सामान्य रूप से सक्रिय दिखाई दिए। जन्म के बाद वन्यप्राणी स्वास्थ्य अधिकारी, पन्ना टाइगर रिजर्व द्वारा माँ और दोनों शावकों का विस्तृत स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। परीक्षण में यह पुष्टि हुई कि अनारकली और उसके दोनों बच्चे पूर्णतः स्वस्थ हैं तथा उन्हें किसी प्रकार की चिकित्सीय समस्या नहीं है। फिलहाल दोनों शावक अपनी माँ के साथ सुरक्षित वातावरण में वन विभाग की निगरानी में रखे गए हैं, जहाँ उनकी सतत स्वास्थ्य मॉनिटरिंग की जा रही है।

उल्‍लेखनीय है कि पन्ना टाइगर रिजर्व में हाथियों की महत्वपूर्ण उपस्थिति है और इन दो नए शावकों के आने से यहाँ हाथियों की कुल संख्या 21 हो गई है। इनमें 05 नर एवं 16 मादा हाथी शामिल हैं, जिनमें वयस्क, अर्ध-वयस्क और बच्चे सम्मिलित हैं। दो नए हाथियों के जन्म से जंगल में जैव-विविधता मजबूत हुई है और संरक्षण प्रयासों को भी नई सफलता मिली है।

रिजर्व प्रशासन के अनुसार अनारकली काफी समय से हिनौता क्षेत्र में रह रही है तथा वन विभाग के संरक्षण में उसका स्वास्थ्य उत्कृष्ट स्तर पर बना हुआ था। उसकी देखभाल नियमित रूप से की जाती रही है, जिसका परिणाम अब इन दो नए जीवनों के रूप में देखने को मिला है। यह घटना न केवल संरक्षण कार्यों की उपलब्धि को दर्शाती है, बल्कि वन्यजीवों के सुरक्षित वातावरण में बेहतर प्रजनन को भी प्रमाणित करती है।

पन्ना टाइगर रिजर्व में इस खुशखबरी के साथ सभी कर्मचारियों, अधिकारियों और वन्यजीव प्रेमियों में उल्लास का माहौल है। दो नए शावकों का आगमन रिजर्व परिवार के लिए उत्साह और उम्मीद का प्रतीक बन गया है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में दोनों शावकों के विकास और उनकी सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, ताकि यह सुखद घटना भविष्य में भी संरक्षण के प्रयासों को सशक्त कर सके।

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(Udaipur Kiran) / सुरेश पांडे