Gujarat

अमित शाह ने सहकारी गतिविधियों को पूरे देश में फैलाने का किया आह्वान

सहकार सम्मेलन का आयोजन
सहकार सम्मेलन का आयोजन
सहकार सम्मेलन का आयोजन

– केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अमूल डेयरी के विस्तार संयंत्रों का किया लोकार्पण

गांधीनगर, 6 जुलाई (Udaipur Kiran) । केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह तथा मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय की चौथी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में ‘दूध नगरी’ आनंद में सहकार सम्मेलन का आयोजन किया गया। विश्व प्रसिद्ध अमूल डेयरी के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने सहकारी गतिविधियों को पीपल, पैक्स, प्लेटफॉर्म, पॉलिसी और प्रॉस्पेरिटी यानी पांच ‘पी’ के आधार पर देशभर में विस्तार करने का आह्वान किया।

केंद्रीय मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अमूल डेयरी के चॉकलेट, दूध, दही और मोजरेला चीज के विस्तार संयंत्रों का लोकार्पण किया। इसके साथ ही एनडीडीबी मुख्यालय में मणिबेन पटेल भवन का उद्घाटन किया गया। देश की दुग्ध सहकारी समितियों के राष्ट्रीय संगठन की नींव भी दोनों नेताओं द्वारा रखी गई। उन्होंने सरदार पटेल को-ऑपरेटिव मिल्क डेयरी फेडरेशन का पंजीकरण पत्र और लोगो भी जारी किया। इसके अलावा, कच्छ के रण में काम करने वाले नमक उत्पादकों को सहकारिता से जोड़ने हेतु बनाई गई कच्छ नमक उत्पादक सहकारी समिति का पंजीकरण भी प्रदान किया गया।

शाह ने अमूल डेयरी का उदाहरण देते हुए कहा कि 36 लाख गुजरात की और 20 लाख अन्य राज्यों की, कुल 56 लाख महिलाएं पशुपालन के माध्यम से दूध उत्पादन से 80,000 करोड़ का टर्नओवर कर रही हैं, जो अगले वर्ष एक लाख करोड़ हो जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने 2021 में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना करके इसे संवैधानिक रूप दिया। वर्तमान में 8.40 लाख सहकारी समितियों में 31 करोड़ सदस्य जुड़े हुए हैं जो दूध, बैंकिंग, शुगर मिल, डिजिटल भुगतान जैसे क्षेत्रों में देश के आर्थिक विकास में योगदान दे रही हैं। पिछले चार वर्षों में मंत्रालय ने 60 से अधिक महत्वपूर्ण पहलें की हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत में अमित शाह ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 124वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल और कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। “एक देश में दो निशान, दो विधान, दो प्रधान नहीं चलेंगे” के नारे के साथ उन्होंने बलिदान दिया। उन्होंने भारत को सहकारिता के क्षेत्र में एक मजबूत मॉडल बनाकर दुनिया के सामने उदाहरण प्रस्तुत करने का संकल्प दोहराया।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात की सहकारी उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य ने जहां स्वतंत्रता संग्राम में असहयोग आंदोलन की अगुवाई की थी, वहीं आज वह सहकारिता के क्षेत्र में भी अग्रणी है। गुजरात का सहकारी क्षेत्र 4 लाख करोड़ का टर्नओवर करता है। 27 लाख से अधिक नए बैंक खाते खोले गए हैं और 12,000 करोड़ से अधिक की जमा राशि इकट्ठा हुई है। रोज़ाना 325 लाख लीटर दूध का संग्रहण होता है। महिला संचालित दुग्ध समितियों की संख्या में 21% और उनकी आय में 43% की वृद्धि हुई है। राज्य सरकार ने ई-कोऑपरेटिव पोर्टल के माध्यम से समितियों का पंजीकरण, ऑडिट और रिपोर्टिंग ऑनलाइन की है जिससे पारदर्शिता और दक्षता बढ़ी है। यह मंत्रालय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने, किसानों, पशुपालकों और महिलाओं को सहकारी गतिविधियों से जोड़ने में एक नया मॉडल बना है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारी वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है और अमित शाह के मार्गदर्शन में देश की पहली त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी गई है। एनडीडीबी और अमूल की नई परियोजनाएं गुजरात के डेयरी, कृषि और पशुपालन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगी।

कार्यक्रम में अमूल फेडरेशन के चेयरमैन श्यामलभाई पटेल ने डेयरी क्षेत्र में अमूल के योगदान की जानकारी दी। इस अवसर पर सहकारिता मंत्रालय और अमूल डेयरी की उपलब्धियों पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई।

इस समारोह में केंद्रीय सहकारी राज्य मंत्री कृष्णपाल, मुरलीधर मोहोल, मत्स्य और पशुपालन राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन, डॉ. एसपी बघेल, विधानसभा अध्यक्ष शंकरभाई चौधरी, उपाध्यक्ष जेताभाई आहिर, कृषि मंत्री राघवजी पटेल, स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल, सहकार राज्य मंत्री जगदीश विश्वकर्मा, सांसद मितेश पटेल, अमूल के चेयरमैन विपुल पटेल, गुकोमासोल के चेयरमैन दिलीप संघाणी, सहकारिता विभाग के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूतानी समेत जनप्रतिनिधि, सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि, किसान, पशुपालक और महिला दुग्ध समिति की सदस्याएं उपस्थित रहीं।

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(Udaipur Kiran) / Abhishek Barad

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