
कोलकाता, 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बीजेपी शासित राज्यों में बंगालियों पर अत्याचार के आरोपों को लेकर भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल प्रमुख और बंगाल के केंद्रीय प्रभारी अमित मालवीय ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने ममता बनर्जी पर भाषा राजनीति को हथियार बनाने और बिना किसी प्रमाण के झूठे आरोप गढ़ने का आरोप लगाया।
ममता बनर्जी ने एक दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया था, जिसमें दावा किया गया कि दिल्ली पुलिस ने मालदा जिले के एक प्रवासी परिवार की मां और उसके बच्चे को पीटा। इस वीडियो को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए अमित मालवीय ने सोमवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को बचाने की हताशा में मुख्यमंत्री भाषा की राजनीति कर रही हैं और राजनीतिक लाभ के लिए मासूम बच्चों को भी विवादों में घसीट रही हैं। उनके पास इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि पश्चिम बंगाल के निवासी भारतीय नागरिकों को दिल्ली पुलिस प्रताड़ित कर रही है।
अमित मालवीय ने इसके साथ यह भी सवाल उठाया कि ममता बनर्जी खुद अपने राज्य में बंगाली महिलाओं के खिलाफ हुई ज्यादतियों पर चुप क्यों हैं? उन्होंने कहा, संदेशखाली की बहादुर महिलाएं भी बंगाली थीं। आरजी कर अस्पताल की डॉक्टर और कोलकाता लॉ कॉलेज की छात्रा भी बंगाली थीं लेकिन मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया चुनिंदा मामलों तक सीमित रहती है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ममता सरकार ने मालदा, मुर्शिदाबाद और बीरभूम जैसे जिलों में हिंसक इस्लामी भीड़ द्वारा हिंदू बंगालियों पर हमले होने दिए। उन्होंने कहा, वह घुसपैठिओं के लिए घड़ियाली आंसू बहाती हैं, जबकि खुद अपने ही राज्य में बंगालियों की सुरक्षा नहीं कर पातीं।,
इस विवाद के बीच ममता बनर्जी ने सोमवार को बीरभूम जिले से अपने कथित भाषा आंदोलन की शुरुआत कर दी है। यह आंदोलन बीजेपी शासित राज्यों में बंगालियों के साथ हो रहे कथित भेदभाव के खिलाफ है। बीरभूम को आंदोलन का प्रारंभिक स्थल बनाए जाने के पीछे राजनीतिक संकेत भी देखे जा रहे हैं, क्योंकि यह ज़िला रवींद्रनाथ ठाकुर और शांतिनिकेतन से जुड़ा हुआ है। पर्यवेक्षकों का मानना है कि ममता बनर्जी गुरुदेव की स्मृतियों का सहारा लेकर बंगाली अस्मिता को जगाने की कोशिश कर रही हैं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
