West Bengal

पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक बाल विवाह का आरोप, अमित मालवीय ने ममता सरकार पर साधा निशाना

अमित‌ मालवीय

कोलकाता, 27 सितंबर (Udaipur Kiran News) । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के केंद्रीय सह प्रभारी अमित मालवीय ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने शनिवार को माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि पश्चिम बंगाल में बाल विवाह के मामलों की संख्या देश में सबसे अधिक दर्ज की गई है, जो राज्य को “बालिकाओं के सपनों की हत्या” वाली स्थिति में ले जा रहा है।

मालवीय ने हाल ही में प्रकाशित सैंपल रजिस्ट्रेशन रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें बताया गया कि राज्य में 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के विवाह का प्रतिशत 6.3 फीसदी है, जो पूरे देश में सबसे ऊंचा है। उन्होंने कहा, “जो बंगाल अब बाल विवाह में देश का नेतृत्व कर रहा है, उसे विद्यासागर या टैगोर का बंगाल नहीं कहा जा सकता। यह ममता का बंगाल है और इसका पूरा शर्मनाक दाग उन्हीं पर है।”

भाजपा आईटी सेल प्रमुख ने आरोप लगाया कि यह स्थिति उस बंगाल में असहनीय है, जिसने ईश्वर चंद्र विद्यासागर जैसे सुधारकों को जन्म दिया था। विद्यासागर ने 1856 में विधवा पुनर्विवाह अधिनियम के जरिए बाल विवाह और बाल विधवाओं की कुरीति को चुनौती दी थी।

मालवीय ने कहा, “दुर्भाग्य से ममता बनर्जी के शासन में बाल विवाह बढ़ गया है। नन्ही बच्चियों को अधिकार, सम्मान और स्वतंत्रता से वंचित किया जा रहा है। यह वही सुधारों की हत्या है, जिनके लिए विद्यासागर ने संघर्ष किया था। न यह विद्यासागर का बंगाल है और न ही रवींद्रनाथ टैगोर का, जिन्होंने समाज से बुराइयों को मिटाने का आह्वान किया था।”

उन्होंने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल में बाल विवाह के ऐसे आंकड़े न सिर्फ देश के कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि संविधान की मूल भावना को भी रौंदते हैं। मालवीय के अनुसार, “ममता बनर्जी का खोखला नारा ‘मा, माटी, मानुष’ पूरी तरह बेनकाब हो गया है। विद्यासागर और टैगोर के आदर्शों से प्रेरित प्रगतिशील समाज का पतन और अवनति उनकी राजनीति की देन है। उनका अभद्र और अपमानजनक आचरण बंगाल के महान नायकों की स्मृति का रोजाना अपमान करता है।”

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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