वॉशिंगटन, 31 अगस्त (Udaipur Kiran) । अमेरिका की एक संघीय अदालत ने ट्रंप प्रशासन को ग्वाटेमाला भेजे जाने वाले 10 नाबालिग प्रवासी बच्चों की तत्काल निर्वासन प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। ये बच्चे 10 से 17 साल की उम्र के हैं और बिना माता-पिता या अभिभावक के अमेरिका में प्रवेश किए थे।
जिला न्यायाधीश स्पार्कल सूकनन ने रविवार को आदेश जारी करते हुए 14 दिनों के लिए निर्वासन रोकने का निर्देश दिया और दोपहर में तत्काल सुनवाई का समय तय किया। अदालत का कहना था कि बच्चों को निर्वासित करने की प्रक्रिया पहले से शुरू हो चुकी थी, जो अमेरिकी कानून का उल्लंघन प्रतीत होती है।
यह आदेश नेशनल इमिग्रेशन लॉ सेंटर की ओर से दायर की गई याचिका के बाद आया। याचिका में दावा किया गया कि इन बच्चों को ग्वाटेमाला भेजना उनके अधिकारों का उल्लंघन होगा और इससे उन्हें अत्याचार, उत्पीड़न या खतरे का सामना करना पड़ सकता है। शिकायत में कहा गया कि प्रशासन बच्चों को अवैध रूप से इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट (आईसीई) की कस्टडी में भेजने और ग्वाटेमाला के लिए उड़ानों पर चढ़ाने की योजना बना रहा था।
सूत्रों के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन ने ग्वाटेमाला के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत अमेरिका में बिना अभिभावक पहुंचे बच्चों को ग्वाटेमाला भेजा जा सकता है। यह प्रक्रिया इस सप्ताहांत से शुरू करने की योजना थी।
मौजूदा अमेरिकी कानून के अनुसार, बिना माता-पिता के सीमा पार करने वाले बच्चों को फेडरल शेल्टर में रखा जाता है, जब तक कि उन्हें परिवार या फोस्टर होम में नहीं भेजा जाता। लेकिन हाल ही में ऑफिस ऑफ रिफ्यूजी रीसैटलमेंट की निदेशक मेलिसा जॉनस्टन ने स्टाफ को ईमेल भेजकर ग्वाटेमाला के बच्चों की रिहाई रोकने का निर्देश दिया था, सिवाय उन मामलों के जहां माता-पिता या कानूनी अभिभावक अमेरिका में मौजूद हैं।
ग्वाटेमाला के विदेश मंत्रालय और अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
