वॉशिंगटन/मैड्रिड, 13 सितम्बर (Udaipur Kiran) । अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक व आर्थिक मुद्दों को लेकर नई दौर की वार्ता रविवार से स्पेन की राजधानी मैड्रिड में शुरू होगी। इस बातचीत में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) जैमीसन ग्रीयर और अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट हिस्सा लेंगे। जबकि चीन की ओर से उप प्रधानमंत्री हे लीफेंग और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे।
वार्ता में दोनों देशों के बीच शुल्क दरों, आर्थिक सहयोग और सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर चर्चा होगी। खासतौर पर चीनी ऐप टिकटॉक को लेकर अमेरिकी चिंता और उसके अमेरिकी परिसंपत्तियों (एसेट्स) के संभावित विक्रय (सेल) की समयसीमा भी प्रमुख मुद्दा होगी।
इससे पहले, जुलाई में स्टॉकहोम में हुई बैठक में दोनों पक्षों ने 90 दिनों के लिए व्यापार युद्ध विराम (ट्रेड ट्रूस) बढ़ाने पर सहमति जताई थी। इसके तहत सैकड़ों प्रतिशत तक बढ़े शुल्कों को घटाया गया और चीन से अमेरिका को दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति दोबारा शुरू हुई। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मौजूदा 55 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ दर को 10 नवंबर तक बढ़ाने की मंजूरी दी है।
बेसेंट ने हाल ही में जी-7 देशों से अपील की थी कि वे चीन और भारत से आने वाले आयात पर कड़े शुल्क लगाएं ताकि रूस से कच्चे तेल की खरीद को रोका जा सके। उनका कहना था कि रूस की तेल आय से होने वाली कमाई घटाकर उसे यूक्रेन शांति वार्ता की दिशा में धकेला जा सकता है। जी-7 वित्त मंत्रियों ने इस पर सहमति जताई कि रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए चर्चा तेज की जाएगी और जमे हुए रूसी संपत्तियों का उपयोग यूक्रेन की मदद में किया जाएगा।
अमेरिका ने भारत से आने वाले कुछ उत्पादों पर रूस से तेल खरीद के चलते 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया है, लेकिन चीन पर ऐसे कदम से अब तक परहेज किया गया है।
उधर, चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि मैड्रिड में होने वाली बातचीत में अमेरिकी शुल्क, निर्यात नियंत्रण के दुरुपयोग और टिकटॉक का मुद्दा प्रमुख रहेगा। साथ ही चीन ने अमेरिका की व्यापार नीति पर नई जांच शुरू की है, जिसमें अर्धचालक (सेमीकंडक्टर) क्षेत्र में भेदभाव और अमेरिकी चिप्स के डंपिंग की जांच भी शामिल है।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
