Chhattisgarh

अंबिकापुर: कमियों से घिरा अरिहंत अस्पताल, निरीक्षण में गंभीर खामियां उजागर, आयुष्मान भारत पंजीयन आवेदन निरस्त

आयुष्मान भारत पंजीयन आवेदन निरस्त

अंबिकापुर, 10 नवंबर (Udaipur Kiran) । सरगुजा जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर जिला प्रशासन सख्त रुख अपनाए हुए है। इसी क्रम में सोमवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के मार्गदर्शन में जिला टीकाकरण अधिकारी एवं नोडल अधिकारी आयुष्मान भारत डॉ. राजेश भजगावली तथा आरसीएच नोडल अधिकारी डॉ. के.पी. विश्वकर्मा ने अंबिकापुर स्थित अरिहंत अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अस्पताल में कई गंभीर कमियां सामने आने पर उसका आयुष्मान भारत पंजीयन आवेदन निरस्त कर दिया गया।

जांच में पाया गया कि अस्पताल के आवेदन में दर्ज डॉ. तेजल उदय वाघे का पंजीयन महाराष्ट्र राज्य का है, जो नियमानुसार मान्य नहीं है। अस्पताल के ओपीडी क्षेत्र में चिकित्सकों की जानकारी प्रदर्शित नहीं थी, जिससे मरीजों को सही जानकारी नहीं मिल पा रही थी। निरीक्षण टीम ने यह भी पाया कि लेबर वार्ड में आवश्यक उपकरणों का अभाव था तथा अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इसके अलावा एईआरबी का पंजीकरण भी अस्पताल के पास नहीं था।

समीक्षा में यह भी सामने आया कि अस्पताल का आईसीयू चालू नहीं था, न ही मॉनिटर और सेंट्रल ऑक्सीजन पाइपलाइन की व्यवस्था थी। साथ ही, अस्पताल ने बायो मेडिकल वेस्ट का प्रमाणपत्र 9 बेड के लिए लिया हुआ था, जबकि वास्तविकता में 20 बेड पर संचालन किया जा रहा था। निरीक्षण के दौरान अस्पताल में फार्मेसी लाइसेंस, ब्लड बैंक लाइसेंस और एम्बुलेंस रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी उपलब्ध नहीं पाया गया।

टीम ने यह भी पाया कि नर्सिंग होम एक्ट के अंतर्गत आवश्यक रजिस्टर संधारित नहीं किए गए थे। अस्पताल परिसर में साफ-सफाई, पार्किंग और बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था भी असंतोषजनक पाई गई। इन सभी गंभीर अनियमितताओं और कमियों को देखते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने अरिहंत अस्पताल का आयुष्मान भारत पंजीयन आवेदन निरस्त करने का निर्णय लिया।

(Udaipur Kiran) / पारस नाथ सिंह