जम्मू, 17 जून (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता और पूर्व उपाध्यक्ष बलबीर राम रतन ने कहा कि भारत के संविधान डॉ. बी.आर. अंबेडकर के एक महत्वपूर्ण योगदान ने अनुसूचित जाति (एससी) के व्यक्तियों को जिला मजिस्ट्रेट (डीएम), मुख्यमंत्री (सीएम) और यहां तक कि प्रधानमंत्री (पीएम) जैसे शीर्ष पदों तक पहुंचने के लिए समान अवसर प्रदान किए हैं। उन्होंने कहा कि यह संवैधानिक ढांचा सामाजिक न्याय, समानता और समावेशिता का प्रतीक है।
उन्होंने अनुसूचित जाति समुदाय के प्रमुख पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक के दौरान ये टिप्पणियां कीं जहां उन्होंने हाशिए पर पड़े समुदायों के उत्थान के लिए संविधान में डॉ. अंबेडकर द्वारा किए गए प्रावधानों पर चर्चा की।
बलबीर राम रतन ने कहा कि संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों के तहत प्रत्येक नागरिक को बिना किसी भेदभाव के शिक्षा, रोजगार, व्यवसाय और सार्वजनिक जीवन में प्रगति करने का अधिकार है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डॉ. अंबेडकर ने ऐसे प्रावधानों को शामिल करना सुनिश्चित किया जिससे सामाजिक रूप से वंचित समूहों को मुख्यधारा में एकीकृत करने में मदद मिली।
उन्होंने कहा कि अतीत में जब जाति आधारित भेदभाव चरम पर था तब दलितों के लिए शिक्षा प्राप्त करना भी बेहद मुश्किल था। लेकिन आज के भारत में अनुसूचित जाति वर्ग का व्यक्ति न केवल प्रशासनिक सेवाओं के माध्यम से जिला अधिकारी बन सकता है बल्कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री जैसे सर्वोच्च पदों पर भी पहुंच सकता है। बलबीर राम रतन ने आगे कहा कि यह परिवर्तन केवल संविधान के कारण ही संभव हुआ है जो समानता और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता देता है।
उन्होंने युवाओं से शिक्षा को अपने सबसे शक्तिशाली उपकरण के रूप में अपनाने और संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करके समाज में सकारात्मक योगदान देने का आग्रह किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं की भी सराहना की जो दलितों, पिछड़े वर्गों और वंचितों के उत्थान पर केंद्रित हैं।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
