
नैनीताल, 18 जून (Udaipur Kiran) । नैनीताल अब केवल अपनी झीलों, पर्वतों और ठंडी फिजाओं के लिए ही नहीं, बल्कि विदेशी नस्ल के सेबों की मिठास के लिए भी पहचाना जाने लगा है। नगर के शेरवानी हिलटॉप होटल के निजी बगीचे में इन दिनों ‘रेड चीफ’ और ‘रेड गोल्डन’ नामक विदेशी किस्मों के सेब लदे हुए हैं, जिनकी लालिमा और स्वाद न केवल पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं, बल्कि क्षेत्रीय पर्यटन को कृषि से जोड़ने का नवीन उदाहरण भी प्रस्तुत कर रहे हैं।
होटल के जनरल मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा के अनुसार यह पहल वर्ष 2013 में रानीखेत के चौबटिया उद्यान से लाए गए दर्जन भर विदेशी सेब के पौधों से शुरू हुई थी। शुरुआती संदेहों के बावजूद नैनीताल की जलवायु और मिट्टी में यह पौधे न केवल पनपे बल्कि आज बारह वर्षों के लंबे परिश्रम के बाद सेबों की भरपूर फसल दे रहे हैं। यह फसल न केवल रंग-रूप और स्वाद में अद्वितीय है, बल्कि इन दिनों नैनीताल आने वाले सैलानियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बन चुकी है। यह पहल केवल उत्पादन तक सीमित न रहकर बागवानी और पर्यटन का समन्वय स्थापित कर रही है और पर्यटन के साथ प्रकृति से जुड़ाव, स्थानीय उत्पादों की पहचान और नैसर्गिक अनुभव को बढ़ावा भी दे रही है। पर्यटक झील किनारे की तस्वीरों के साथ अब इन फलों के बागों में भी रुककर चित्र लेते हैं और इन मीठे फलों का स्वाद लेते हुए अपने अनुभव सोशल मीडिया पर साझा करते हैं। बगीचे में सेबों के अतिरिक्त आलूबुखारा, आड़ू और खुमानी जैसे पारंपरिक पहाड़ी फल भी उगाए जा रहे हैं। वहीं फूलों की रंग-बिरंगी क्यारियों से यह स्थान और भी रमणीय हो गया है।
इसके साथ होटल अब क्षेत्रीय कृषिक संभावनाओं को उजागर करता एक उदाहरण भी बन चुका है। संभव है कि निकट भविष्य में नैनीताल के अन्य हिस्से भी इस पहल से प्रेरित होकर कृषि और पर्यटन के सम्मिलन से अपनी पहचान और समृद्धि के नए आयाम रचें।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
