Haryana

हिसार : बालसमंद में खटीक समाज धर्मशाला निर्माण में लाखों के गबन का आरोप

जांच करती सीएम फ्लाइंग टीम।
जांच के दौरान ग्रामीणों से बातचीत करते हुए सीएम फ्लाइंग टीम।

सीएम फ्लाइंग टीम के जांच के लिए पहुंची, ग्रामीणों से की बातचीतहिसार, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । जिले के गांव बालसमंद में खटीक समाज की धर्मशाला निर्माण के नाम पर सरकारी ग्रांट का फर्जी उपयोग और लाखों रुपये के गबन का करने के आरोप का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि गांव की खटीक समाज धर्मशाला में एक कमरे और मुख्य गेट का निर्माण जन सहयोग से वर्षों पहले हो चुका था लेकिन कुछ लोगों ने अधिकारियों की मिलीभगत से उसी निर्माण को सरकारी ग्रांट से करवाया दिखाकर राशि निकाल ली।ग्रामीणों का कहना है कि दो-तीन सालों से इस खटीक समाज धर्मशाला में किसी भी प्रकार का सरकारी निर्माण कार्य नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले गांव के सहयोग से बनाए गए कमरे और गेट से सहयोगकर्ताओं की नेम प्लेटें तक हटा दी गईं और बाद में नए कागज तैयार करके फर्जी निर्माण दिखाया गया। ग्रामीणों ने इस मामले में सरकार को लिखित शिकायत भेजी थी, जिसके बाद शनिवार को सीएम फ्लाइंग हिसार रेंज इंचार्ज सुनैना अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचीं।सीएम फ्लाइंग टीम ने गांव में पहुंचकर ग्रामीणों से बातचीत की और पूरे मामले की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने खटीक धर्मशाला की कमेटी के पदाधिकारियों और ग्रामीणों के बयान दर्ज किए तथा धर्मशाला के निर्माण का भी निरीक्षण किया। साथ ही पंचायती राज विभाग के अधिकारियों से भी रिकॉर्ड मांगा गया है कि वास्तव में इस धर्मशाला में कब और कितना निर्माण कार्य सरकारी ग्रांट से हुआ है। ग्रामीणों ने सीएम फ्लाइंग टीम से मांग की कि इस पूरे प्रकरण की गहन जांच कराई जाए और यदि सरकारी धन का गबन साबित होता है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।ग्रामीणों के अनुसार सीएम फ्लाइंग हिसार रेंज इंचार्ज सुनैना ने उन्हें आश्वस्त किया है कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है। सरकार जनता के हितों के लिए ग्रांट जारी करती है, इसलिए यदि किसी भी स्तर पर गबन पाया गया तो दोषियों के खिलाफ नियम अनुसार कार्रवाई करवाई जाएगी गांव बालसमंद की सरपंच मंजू ने बताया की सीएम फ्लाइंग टीम जिस शिकायत की जांच करने के लिए पहुंची है, ग्राम पंचायत द्वारा न ही तो उपरोक्त निर्माण कार्य करवाया गया और ना ही पंचायत ने किसी तरह की पेमेंट की।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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