
गुवाहाटी, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) । राज्य के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में अन्यतम है गुवाहाटी स्टेशन। प्रतिदिन भारी संख्या में ट्रेनों के आगमन–निर्गमन के कारण यह स्टेशन हमेशा ही दबाव में रहता हैं। इसके समानांतर कामाख्या स्टेशन से भी कई महत्वपूर्ण ट्रेनें चलती हैं और गुजरती हैं। इन दोनों स्टेशनों के बीच की रेललाइन में लंबे समय से एक बड़ी समस्या बनी हुई है, जो यात्री सेवाओं और शहर के यातायात—दोनों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है।
जानकारी के अनुसार, जब कामाख्या स्टेशन से गुवाहाटी की ओर कोई ट्रेन आती है और गुवाहाटी स्टेशन के प्लेटफ़ॉर्म पर पहले से कोई ट्रेन खड़ी रहती है, तब आने वाली ट्रेन को स्टेशन के बाहरी सिग्नल पॉइंट पर काफी देर तक इंतज़ार करना पड़ता है। ठीक इसी तरह, गुवाहाटी से कामाख्या की ओर जाने वाली ट्रेन को भी प्लेटफ़ॉर्म पर ट्रेन मौजूद रहने पर बाहरी सिग्नल पर लंबा इंतज़ार करना पड़ता है। इसका परिणाम यह होता है कि दोनों स्टेशनों के आसपास स्थित सभी रेलगेटों पर भारी ट्रैफिक जाम लग जाता है, जिससे आम जनता को रोज़ाना भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
रेलवे सूत्रों के अनुसार, इस समस्या के समाधान के लिए गुवाहाटी और कामाख्या—दोनों स्टेशनों पर अतिरिक्त प्लेटफ़ॉर्म बनाने की योजना तैयार की गई है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण विकास परियोजना—गुवाहाटी से कमाख्या तक एक अतिरिक्त रेललाइन बिछाने का कार्य अब तक शुरू नहीं हो पाया है। कारण यह है कि रेललाइन के किनारे रेलवे की बड़ी मात्रा में भूमि लंबे समय से अवैध रूप से अतिक्रमित है।
पीड़ित यात्रियों और स्थानीय नागरिकों की मांग है कि जनहित में यह विकास कार्य अत्यंत आवश्यक है। इसलिए अवैध निर्माणों को हटाने के लिए असम सरकार का सहयोग समय की मांग है। साथ ही, अतिक्रमण हटाने के बाद रेलवे भूमि के चारों ओर सुरक्षा दीवार बनाने की भी आवश्यकता है, ताकि भविष्य में दोबारा अवैध कब्ज़ा न हो और विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न न हो।
(Udaipur Kiran) / देबजानी पतिकर