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इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र को 7 अक्टूबर को हाईकोर्ट में हाजिर करने का निर्देश

इलाहाबाद हाईकाेर्ट

–जौनपुर पुलिस पर उसे अवैध हिरासत में रखने का आरोप

प्रयागराज, 28 सितम्बर (Udaipur Kiran News) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एमए के छात्र इंतेखाबुल मुख्तार को सात अक्टूबर को अदालत के समक्ष हाज़िर करने का आदेश दिया है।

छात्र को जौनपुर पुलिस द्वारा अवैध रूप से हिरासत में रखने का आरोप है। इसे लेकर हाईकोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की गई है। कोर्ट ने अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम परितोष मालवीय को अगली तारीख पर बताने के लिए कहा है कि क्यों न छात्र को मुक्त किया जाए। यह आदेश लापता छात्र की ओर से उसके चाचा आफताब आलम की याचिका पर न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय और न्यायमूर्ति जफीर अहमद की खंडपीठ सुनवाई कर रही है।

याची के अधिवक्ता का कहना था कि याची सोनभद्र के थाना घोरावल, ग्राम बिसरेखी का रहने वाला है। याची का भतीजा इंतेखाबुल मुख्तार इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एमए का छात्र है। वह मुस्लिम छात्रावास के कमरा नंबर 71 में रह रहा था। याची अफताब आलम 24 सितम्बर को प्रयागराज आया तो पता चला कि इंतेखाबुल पिछले दो दिनों से गायब है। इसी दौरान एक फोन कॉल से उन्हें पता चला कि इंतेखाबुल जौनपुर के पुलिस थाना मुंगरा बादशाहपुर थाने में हिरासत में है। वह तुरंत थाना गए लेकिन उन्हें भतीजे से मिलने नहीं दिया गया। याची ने आशंका जताई कि उसके भतीजे के साथ कुछ गलत हो सकता है। उन्होंने पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल भी किया। इसके बाद भी उन्हें कहीं से मदद न मिलने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की।

याचिका में उप्र सरकार, पुलिस महानिदेशक, पुलिस आयुक्त प्रयागराज, थाना प्रभारी कर्नलगंज, पुलिस अधीक्षक जौनपुर, थाना प्रभारी मुंगरा बादशाहपुर को प्रतिवादी बनाया गया है। कोर्ट ने पक्षों को सुनने के बाद इंतेखाबुल को हाईकोर्ट में हाजिर करने का आदेश दिया है।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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