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जबलपुर में होगी संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक

सुनील आंबेकर, अ.भा. प्रचार प्रमुख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

नागपुर, 22 सितंबर (Udaipur Kiran News) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक 30 अक्टूबर से 01 नवंबर तक मध्य प्रदेश के जबलपुर में आयोजित की जाएगी। तीन दिवसीय बैठक में संघ कार्यों की समीक्षा की जाएगी और विशेष रूप से शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों को विस्तार देने के विषय पर चर्चा की जाएगी।

संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने सोमवार को यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक 30, 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को जबलपुर में आयोजित की जाएगी। इस बैठक में संघ के कार्यों की समीक्षा की जाएगी और शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों को विस्तार देने पर भी चर्चा की जाएगी।

उन्होंने बताया कि संघ ने अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया है, जिसमें हिंदू सम्मेलनों से लेकर जनसंवाद कार्यक्रमों तक का समावेश है। बैठक में इन कार्यक्रमों को कैसे और तेज किया जाए, इस पर भी निर्णायक चर्चा होगी। विशेष रूप से अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय के लोगों को समरसता अभियान के माध्यम से संघ से जोड़ने के लिए रणनीतियां तैयार की जाएंगी।

आंबेकर ने बताया कि संघ की शाखाओं का तेजी से विस्तार हो रहा है। शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों की तैयारी के तहत पिछले तीन वर्षों में बस्ती और मंडल स्तर पर शाखाओं का विस्तार हुआ है। वर्तमान में देशभर में संघ की 83 हजार शाखाएं और 32 हजार साप्ताहिक मिलन केंद्र संचालित हैं।

उल्लेखनीय है कि संघ की दो प्रमुख बैठकें होती हैं – एक अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा, जो मार्च में आयोजित होती है। दूसरी, अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक जो दीपावली के आसपास आयोजित की जाती है। पिछले साल यह बैठक मथुरा में आयोजित की गई थी। इस बैठक को दीपावली बैठक भी कहा जाता है, क्योंकि यह दशहरे और दीपावली के आस-पास होती है। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि इस बैठक के दौरान संघ शाखाओं के विस्तार पर विशेष रूप से मंथन होगा और कुछ प्रचारकों के दायित्वों में बदलाव भी किए जा सकते हैं।

आंबेकर ने बताया कि सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह, सह सरकार्यवाह, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य, 45 प्रांतों और 11 क्षेत्रों के संघचालक, भाजपा के संगठन मंत्री समेत 300 से अधिक प्रतिनिधि इह बैठक में उपस्थित रहेंगे।

प्रमुख मुद्दे-कार्यक्रमों की समीक्षा – शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों के विस्तार और संचालन की रूपरेखा।समरसता अभियान – अनुसूचित जाति और जनजाति समुदायों को संघ से जोड़ने के लिए रणनीतियां।संघ की संगठनात्मक स्थिति – संघ शाखाओं के विस्तार और कार्यकर्ता दायित्वों में बदलाव पर विचार।————

(Udaipur Kiran) / मनीष कुलकर्णी

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