
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । अटल बंगाली स्कूल में विद्यार्थियों के लिए 4,600 स्टेनलेस स्टील प्लेटों का विशेष वितरण कार्यक्रम बुधवार को अक्षय पात्र फाउंडेशन ने आयोजित किया। यह पहल विद्यालयों में छात्रों के कल्याण, स्वच्छता और पुन: उपयोग योग्य (सस्टेनेबल) संसाधनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है।
इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में शिक्षा निदेशक कृतिका चौधरी, अक्षय पात्र से सुंदर गोपाल दास और एक्सपो फ्रेट लिमिटेड (इएफएल) के प्रतिनिधि जीएम एचआर सुनिल थॉमस विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस मौके पर डीईओ रमेश चंद्रा, विद्यालय की प्रधानाचार्या रितू गुप्ता एवं विमल आहूलवालिया की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का शुभारंभ सुंदर गोपाल दास ने सभी अतिथियों के स्वागत से किया। विद्यालय की प्रधानाचार्या रितू गुप्ता ने स्वागत भाषण देते हुए अक्षय पात्र फाउंडेशन का आभार व्यक्त किया। इसके पश्चात् सुंदर गोपाल दास ने कहा कि अक्षय पात्र का उद्देश्य केवल बच्चों को भोजन कराना नहीं, बल्कि उन्हें स्वस्थ, स्वच्छ और आत्मनिर्भर भविष्य की ओर प्रेरित करना है। ईएफएल के प्रतिनिधि जीएम एचआर सुनिल थॉमस ने बच्चों के कल्याण में योगदान देने पर संतोष व्यक्त किया।
एनडीएमसी की शिक्षा निदेशक कृतिका चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि अक्षय पात्र फाउंडेशन ने पिछले छह वर्षों से विद्यार्थियों को पूर्ण सहयोग प्रदान किया है और उन्हें सबसे बेहतरीन मिड-डे मील उपलब्ध कराया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना के अंतर्गत बच्चों को पौष्टिक आहार प्रदान करने पर जोर दिया है। एक स्वस्थ और स्वच्छ मिड-डे मील सुनिश्चित करना न केवल एक बड़ा लक्ष्य है, बल्कि एक महत्वपूर्ण उपलब्धि भी है। अक्षय पात्र के माध्यम से हम बच्चों को साफ-सुथरा और पोषणयुक्त भोजन प्रदान कर रहे हैं।
कार्यक्रम में उन्होंने बच्चों से पूछा “क्या आपको यह भोजन पसंद आया? स्वादिष्ट है?” सभी बच्चों ने हाँ में उत्तर दिया। यह दर्शाता है कि स्वस्थ और पौष्टिक भोजन बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे उनका शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है और वे पढ़ाई और ध्यान केंद्रित करने में सक्षम होते हैं।
इसके उपरांत विद्यार्थियों को स्टेनलेस स्टील प्लेटें वितरित की गईं, जिससे उनके भोजन के समय स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का नया अध्याय जुड़ गया।
अक्षय पात्र फाउंडेशन, श्रील प्रभुपाद (संस्थापक–आचार्य, इस्कॉन) की प्रेरणा से 2000 में शुरू हुआ, आज विश्व का सबसे बड़ा (नॉन-प्रॉफिट) मध्याह्न भोजन कार्यक्रम चला रहा है। इसका उद्देश्य बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना और शिक्षा से जोड़ना है ताकि कोई बच्चा भूख के कारण पढ़ाई अधूरी न छोड़े। फाउंडेशन देशभर में 78 आधुनिक रसोईघर संचालित करता है, जिनमें से 5 रसोईघर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हैं। संस्था के रसोईघरों से प्रतिदिन 23 लाख से अधिक बच्चों को 24,000 से अधिक स्कूलों में मध्यान्ह भोजन प्रदान किया जाता है। अक्षय पात्र न केवल दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ-प्रबंधित मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम है, बल्कि यह शिक्षा, पोषण और सामाजिक विकास को जोड़ने वाली अनूठी पहल भी है।
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(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी