
हरिद्वार, 14 सितंबर (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने आपदा के पीड़ितों की आर्थिक मदद करने, सड़क बनाने, लोगों के घर बनाने आदि में उत्तराखंड सरकार का पूरा सहयोग करने की घोषणा की है।
रविवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की एक बैठक निरंजनी अखाड़े में जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि महाराज की अध्यक्षता में हुई। बैठक का संचालन अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज ने किया। बैठक में मनसा देवी मंदिर हादसे, उत्तराखंड, पंजाब समेत देश के विभिन्न राज्यों की प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई।
बैठक में महंत हरि गिरि महाराज ने कहा उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में आई आपदा में कई लोगों की मौत हुई तथा कई शिक्षण संस्थान व लोगों के आवास ध्वस्त हो गए। अब आवश्यकता है की किस प्रकार इन आपदाग्रस्त लोगों की सहायता की जाए। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद ने निर्णय लिया है कि शीघ्र ही परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल आपदाग्रस्त क्षेत्र में जाकर वहां किए जाने वाले कार्यों का प्राथमिकता के आधार पर सर्वेक्षण करेगा तथा प्रदेश सरकार के साथ मिलकर उन क्षेत्रों में सहायता कार्य निर्माण कार्य व अन्य कार्य करेगा। इसके लिए सभी अखाड़े मिलकर व्यवस्था करेंगे। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में उच्च शिक्षण संस्थान व उच्च चिकित्सालय की नितांत आवश्यकता है। जिसके लिए शासन प्रशासन और अखाड़ा परिषद मिलकर कार्य करेगा। ताकि इन क्षेत्रों का आर्थिक विकास हो सके और यहां के युवकों को रोजगार मिले जिससे पलायन पर रोक लग सके।
दूधेश्वर पीठाधीश्वर महंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि लोगों को सहायता पहुंचाने के लिए साधु संत पूरे देश में भ्रमण करेंगे और उद्योगपतियों तथा सक्षम लोगों से फंड एकत्रित कर इन क्षेत्रों में विकास कार्य करेंगे। बैठक का संचालन कर रहे अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत रविंद्र आनंद महाराज ने कहा इस बैठक में अर्ध कुंभ की शाही स्नान की तिथियां पर चर्चा की जानी थी, लेकिन पितृ पक्ष के चलते कई महत्वपूर्ण पदाधिकारी नहीं आ पाए हैं इसलिए यह निर्णय आगामी 18 सितंबर को होने वाली दूसरी बैठक में लिया जाएगा।
बैठक में जूना अखाड़े के महामंत्री महंत महेश पुरी, महंत शैलेन्द्र गिरि, रमता पंच के महंत सुंदर गिरी, महंत ओम भारती, मंत्री महंत महाकाल गिरि, मंत्री महंत मनोज गिरि, मंत्री महंत रनधीर गिरी, महंत पशुपति गिरी, आनंद अखाड़े के महंत राजेंद्र पुरी आदि मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
