
रांची, 23 जून (Udaipur Kiran) । आजसू पार्टी के मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत, केंद्रीय महासचिव राजेंद्र मेहता और युवा नेता संजय मेहता ने कहा कि निजी क्षेत्र में स्थानीय को 75 प्रतिशत आरक्षण दिलवाने के लिए आजसू पार्टी संघर्ष करेगी।
पार्टी नेताओं ने सोमवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि क्रूरता पड़ी इसके लिए आजसू न्यायालय में भी पहल करेगा। उन्होंने कहा कि पार्टी नौ अगस्त से 14 अगस्त तक नौकरी दो हेमंत सरकार अभियान चलाएगी और इस संबंध में राज्य सरकार से हिसाब मांगेगी एवं निजी क्षेत्र के कार्यालयों में ज्ञापन देगी।
मौके पर मुख्य प्रवक्ता डॉ भगत ने बलिदान दिवस समारोह के आयोजन की सफलता के लिए सभी कार्यकर्ताओं और मीडिया का आभार प्रकट किया।
डॉ भगत ने कहा कि पार्टी ने बलिदान दिवस के माध्यम से झारखंड के मसलों पर अपने विचारों को रखा है। झारखंड में स्थानीयता, नियोजन, पुनर्वास, नियुक्ति, परीक्षा, परिणाम, नियुक्ति कैलेंडर, ओबीसी आरक्षण, निजी क्षेत्र में आरक्षण, आउटसोर्सिंग में आरक्षण, आउटसोर्सिंग नियुक्ति से सरकारी नियुक्तियों का मारा जाना, पेसा क़ानून, सरना धर्म कोड, जमीन अधिग्रहण, मुआवजा, सीएनटी, एसपीटी, नौकर शाही का निचला स्तर, करप्शन, कंपनियों की मनमानी, झारखंड आंदोलनकारियों के बीच पहचान का संकट, क़ानून व्यवस्था की चिंताजनक स्थिति, मंईयां सम्मान योजना को बिना स्पष्ट क़ानून और विधिक प्रक्रिया के लागू किए जाने के मसले को पार्टी ने प्रमुखता से उठाया है। इन सवालों पर पार्टी मुखरता से संघर्ष करेगी।
डॉ भगत ने कहा कि वर्तमान सरकार जनमुद्दों का समाधान नहीं कर पायी है। राज्य में लगातार हत्या और गोलीबारी की घटनाओं से आम जनमानस में भय व्यापत हुआ है। स्थानीयता और नियोजन का मसला लटका पड़ा है। ऐसे में आजसू आम जनमानस की आवाज बनकर संघर्ष को तेज करेगी।
राजेंद्र मेहता ने बताया कि आजसू पार्टी 30 जून को हूल दिवस, आठ अगस्त को निर्मल महतो शहादत दिवस, नौ अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के दिन कार्यक्रम आयोजित करेगी।
संजय मेहता ने बताया की पार्टी नौकरी दो हेमंत सरकार अभियान की शुरुआत करेगी। इसके तहत सरकार से हम नौकरी का हिसाब लेंगे। सरकार ने निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण का विधेयक लाया था। इसका अनुपालन क्यों नहीं हुआ। सरकार ने आउटसोर्सिंग क्षेत्र में भी 75 प्रतिशत आरक्षण का विधेयक लाया है इसका भी अनुपालन क्यों नहीं हो रहा है। सरकार स्थानीय को निजी क्षेत्र में नौकरी की बात कहती है। लेकिन राज्य की स्थानीय नीति कहां है।
मेहता ने कहा कि सरकार कानून बनाकर ख़ुद ही अपने लोगों से कोर्ट जाकर कानूनों में पेंच फंसाती है और हक़ देने के समय बहानेबाजी करती है। सरकार की बहानेबाजी अब नहीं चलेगी। आजसू अब नौकरी का हिसाब मांगेगी। सरकार ने कितनी नौकरी दी है उसका आंकड़ा सरकार जारी करे। यह आंकड़ा आम जनमानस को भी जानने का अधिकार है।
इस दौरान महानगर अध्यक्ष ज्ञान सिन्हा सहित अन्य उपस्थित रहे।
इस मौके पर पार्टी में नए जुड़े ऋतुराज शाहदेव का स्वागत किया गया।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
