Uttrakhand

एआई को भारतीय ज्ञान परंपरा के साथ किया जाय विकसित : प्रो जोशी

फोटो कैप्शन-17 एनटीएच 21-श्रीदेव सुमन विवि के एआई आधारित सम्मेलन का विधिवत हुआ समापन

नई टिहरी, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) । श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के सेंटर आफ एक्सलेंस एआई ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में नवीनतम रुझान विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का विधिवत समापन हुआ। समापन विवि के कुलपति प्रो एनके जोशी ने किया।

विवि के स्वामी विवेकानंद सभागार में समापन हुये कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एनके जोशी ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि भारत में एआई का अर्थ केवल नहीं, बल्कि आविष्कार का आरंभ होना है।

ज्ञान, विनम्रता और नैतिकता से प्रेरित मानव प्रगति का आरंभ। उन्होंने संस्कृत श्लोक विद्या ददाति विनयं का उल्लेख करते हुए कहा कि सच्चा ज्ञान तभी सार्थक है जब वह विनम्रता और समाज के कल्याण से जुड़ा हो। कुलपति प्रो जोशी ने अपने विस्तृत संबोधन में एआई की भूमिका को उत्तराखंड के सर्वागीण विकास से जोड़ते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र में एआई आधारित कृषि से किसानों की आय दुगुनी होगी।

ड्रोन तकनीक भूस्खलन, बाढ़ और आपदाओं में राहत व बचाव का नया अध्याय लिखेगी। पर्यटन क्षेत्र में एआई आधारित स्मार्ट पर्यटन प्लेटफॉर्म न केवल पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करेंगे, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएंगे। गृहिणियों और आम नागरिकों के लिए एआई डिजिटल सशक्तिकरण का माध्यम बन सकता है, विशेषकर जब यह स्थानीय भाषाओं जैसे गढ़वाली और कुमाऊँनी में उपलब्ध हो। स्वास्थ्य सेवाओं में टेलीमेडिसिन, रिमोट डायग्नोस्टिक्स और एआई-पावर्ड पोर्टेबल उपकरण पहाड़ी क्षेत्रों में उपचार को सुलभ और सस्ता बनाएंगे। शिक्षा और कौशल विकास में एआई प्रत्येक छात्र की सीखने की गति और क्षमता के अनुसार व्यक्तिगत अध्ययन अनुभव प्रदान करेगा।

इस सम्मेलन में प्रो जोशी व प्रो एमके शर्मा व डा प्रशांत की संपादित पुस्तक एआई फार आल का विमोचन भी किया गया। संगोष्ठी में 120 से अधिक शोध पत्र प्राप्त हुए और लगभग 300 प्रतिनिधियों द्वारा इस सम्मेलन में प्रतिभाग किया गया। सम्मेलन के तकनीकी सत्रों में प्रो पीएम पाठक, प्रो आशुतोष भट्ट, प्रो हिमांशु गुप्ता, प्रो राकेश मोहन गुप्ता, प्रो एमके शर्मा, प्रो राम ज्वारी, प्रो मयंक अग्रवाल, डा गौरव वार्षणेय आदि मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / प्रदीप डबराल

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