शिमला, 20 जून (Udaipur Kiran) । कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को बालूगंज स्थित कृषि निदेशालय में विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई, जिसमें प्रदेश में संचालित कृषि योजनाओं, कार्यक्रमों और नवाचारों की प्रगति का व्यापक मूल्यांकन किया गया।
मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं को जमीनी स्तर तक प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने, नई तकनीकों को अपनाने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृतसंकल्प है।
बैठक में हिम कृषि योजना पर भी विशेष चर्चा की गई। इसमें जीआईएस तकनीक को क्लस्टर मैपिंग के लिए उपयोगी बताया गया और बताया गया कि योजना के अंतर्गत 5.47 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। जीआईजेड इंडिया टीम ने 5 जिलों में पायलट गतिविधियां पूरी कर ली हैं।
समीक्षा बैठक में विभागीय फार्मों के उन्नयन पर भी चर्चा हुई। वर्ष 2024-25 में 3 और 2025-26 में 5 मॉडल फार्म विकसित किए जा रहे हैं। बंद पड़ी बीज आलू उत्पादन प्रक्रिया को भी खरीफ 2025 से फिर शुरू किया जाएगा। वहीं सरकारी खेतों में 20-30ः क्षेत्र को प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाया जा रहा है।
आरकेवीवाई के अंतर्गत कांगड़ा, मंडी, शिमला और सोलन जिलों में 5 किसान सूचना केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, सौर सिंचाई योजना के तहत 127 और जल से कृषि को बल योजना के तहत 64 परियोजनाएं प्रगति पर हैं, जिनसे क्रमशः 128 और 125 हेक्टेयर भूमि लाभान्वित होगी।
प्रदेश में अब तक 48,685 किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ चुके हैं। सरकार ने मक्का और गेहूं का समर्थन मूल्य क्रमशः 40 और 60 रुपये प्रति किलो निर्धारित किया है। हल्दी की खरीद भी 90 रुपये प्रति किलो की दर से की जा रही है। किसानों को ट्रांसपोर्ट सब्सिडी भी दी जा रही है।
उन्हाेंने कहा कि उजायका परियोजना के दूसरे चरण के तहत वर्ष 2025-26 में 154 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें अधोसंरचना विकास, बाजार सुदृढ़ीकरण और किसानों को तकनीकी सहयोग शामिल है। इसके अलावा कृषि क्षेत्र की 14 योजनाओं के लिए 117 करोड़, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए 78 करोड़ और कृषि उन्नति योजना के लिए 103 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
उन्हाेंने कहा कि पांगी उपमंडल को पूर्ण प्राकृतिक खेती उपमंडल घोषित किया गया है, जहां जौ के लिए 60 रुपये प्रति किलो का एमएसपी तय किया गया है। अब तक यहां के 168 किसानों ने 45 मीट्रिक टन जौ बेचने के लिए आवेदन किया है।
—————
(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
