

धर्मशाला, 03 जुलाई (Udaipur Kiran) । चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक, शोध व प्रसार कार्यक्रमों व कृषि विस्तार के क्षेत्रों में सराहनीय उपलब्धियां प्राप्त की हैं। इसके लिए विश्वविद्यालय परिवार बधाई का पात्र है। राज्यपाल व विश्वविद्यालय के कुलाधिपति शिव प्रताप शुक्ल ने ये बात बुधवार को पालमपुर में विश्वविद्यालय की 26 वीं सीनेट(अभिषद) बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (आई.आर.ए.एफ.) में विश्वविद्यालय ने देश के सभी कृषि विश्वविद्यालयों में 13वां स्थान अर्जित किया है। यह गौरवपूर्ण उपलब्धि समर्पित शिक्षकों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों की मेहनत का प्रतिफल है।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा 182 नई किस्मों का विकास एवं अनुमोदन और 27 स्थानीय किस्मों का पंजीकरण, प्रदेश के किसानों की समृद्धि में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन, स्मार्ट खेती के नए प्रयोग, और सटीक कृषि पद्धतियों का प्रसार दर्शाता है कि यह विश्वविद्यालय न केवल अनुसंधान कर रहा है, बल्कि उसे खेत तक पंहुचाने की दिशा में भी सक्रिय है।
राज्यपाल ने कहा कि कृषि वैज्ञानिक अपने शोध कार्यों को किसानों की आय बढ़ाने पर केंद्रित करें। 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए प्राकृतिक और डिजिटल खेती को प्रोत्साहित करना, पहाड़ी क्षेत्रों में फसल विविधीकरण, स्मार्ट गांवों की स्थापना, कटाई के बाद प्रसंस्करण, कोल्ड चेन का विस्तार तथा ई-नाम के माध्यम से बाजारों तक किसान की सीधी पंहुच सुनिश्चित करना समय की मांग है।
सीनेट की बैठक के दौरान पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल ने क्षेत्र में हल्दी की खेती को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य योजना तैयार करने की जरूरत पर जोर दिया। इसी तरह देहरा की विधायक कमलेश ठाकुर ने किसानों को दिए जाने वाले कृषि उपकरणों में गुणवत्ता को सुनिश्चित करने की बात कही।
विश्वविद्यालय के कुलपति (वीसी) प्रोफेसर नवीन कुमार ने विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी सीनेट की बैठक में प्रस्तुत की। बैठक में कृषि सचिव सी पाल रासु, राज्यपाल के सचिव सीपी वर्मा, उपायुक्त हेमराज बैरवा, पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी और विश्वविद्यालय के प्रोफेसर भी मौजूद रहे।
(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया
