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नेपाल और भारत के बीच 400 केवी के दो नए ट्रांसमिशन लाइन बनाने पर सहमति

नेपाल और भारत के बीच हुए समझौते के बाद

काठमांडू, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । नेपाल और भारत के बीच दो नई 400 केवी सीमा-पार विद्युत ट्रांसमिशन लाइनें बनाने के लिए एक संयुक्त उद्यम (जेवी) समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है।

यह समझौता भारत की पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) और नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) के बीच भारत के विद्युत मंत्री मनोहर लाल खट्टर और नेपाल के ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्री कुलमान घिसिंग की उपस्थिति में हुआ।

समझौते के अनुसार, इनरुवा (नेपाल)–न्यू पूर्णिया (भारत) और दोदोहरा(नेपाल)–बरेली (भारत) के बीच दो उच्च क्षमता वाली ट्रांसमिशन लाइनों का संयुक्त निवेश के तहत निर्माण किया जाएगा। परियोजनाओं के पूरा होने पर दोनों देशों के बीच विद्युत आदान-प्रदान की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।

वर्तमान में नेपाल भारत को 1,125 मेगावाट बिजली निर्यात करता है, जिससे वित्त वर्ष 2024/25 में 17.56 अरब नेपाली रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। नवंबर 2024 से नेपाल ने भारतीय ग्रिड के माध्यम से बांग्लादेश को भी 40 मेगावाट बिजली निर्यात करना शुरू कर दिया है।

ये दोनों नई परियोजनाएं गोरखपुर–न्यू बुटवल 400 केवी ट्रांसमिशन लाइन के अतिरिक्त हैं, जिसका तेजी से निर्माण हो रहा है। जब ये तीनों लाइनें चालू हो जाएंगी, तब नेपाल और भारत के बीच बिजली आदान-प्रदान की क्षमता लगभग 6,000 मेगावाट तक पहुंचने की संभावना है।

ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, ये परियोजनाएं जनवरी 2024 में हस्ताक्षरित दीर्घकालिक विद्युत व्यापार समझौते के तहत 2034 तक भारत को 10,000 मेगावाट बिजली निर्यात करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होंगी।

इस समझौते के बाद नेपाल के ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ये नई परियोजनाएं नेपाल–भारत ऊर्जा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं और साथ ही यह क्षेत्रीय बिजली बाजार और नेपाल की जलविद्युत निर्यात क्षमता को भी बढ़ावा देंगी।

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(Udaipur Kiran) / पंकज दास

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