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सब्सिडी के बेहतर प्रबंधन के लिए खाद्य मंत्रालय और एफसीआई के बीच करार

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग और एफसीआई के बीच करार का जारी फोटो

नई दिल्‍ली, 23 सितंबर (Udaipur Kiran News) । खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने मंगलवार को नई दिल्ली में वित्‍त वर्ष 2025-26 के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत सब्सिडी के महत्तम प्रबंधन को खाद्यान्न खरीद और वितरण कार्यों में सुधार के लिए मापनीय लक्ष्य निर्धारित किए गए।

उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने जारी एक बयान में बताया कि खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग और भारतीय खाद्य निगम ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत खाद्यान्न प्रबंधन में अधिक दक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कार्यनिष्पादन मानदंड और आधुनिकीकरण लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।

मंत्रालय के मुताबिक इस समझौता ज्ञापन के जरिए सरकार ने सब्सिडी संचालन में प्रणाली-आधारित दृष्टिकोण और प्रौद्योगिकी-संचालित समाधान अपनाने की अपनी रणनीति को सुदृढ़ किया है। यह समझौता भंडारण हानियों को कम करने, भंडारण क्षमता के उपयोग में सुधार, रसद और आपूर्ति श्रृंखला के प्रदर्शन को बेहतर बनाने और गुणवत्ता नियंत्रण को सुदृढ़ करने पर जोर देता है। इसमें प्रक्रियाओं के व्यापक डिजिटलीकरण और संचालन को सुव्यवस्थित करने के लिए आधुनिक आईटी समाधानों के उपयोग की भी परिकल्पना की गई है, जिसे एफसीआई कर्मचारियों के लिए समर्पित क्षमता-निर्माण कार्यक्रमों द्वारा समर्थित किया जाएगा।

खाद्य निगम अधिनियम, 1964 के तहत 1965 में स्थापित एफसीआई, देश के खाद्य सुरक्षा ढांचे में एक केंद्रीय भूमिका निभाता है। खाद्यान्नों की खरीद, भंडारण, संचलन और वितरण का कार्यभार संभालते हुए भारतीय खाद्य निगम केंद्र सरकार की ओर से एक सार्वजनिक सेवा एजेंसी के रूप में कार्य करता है। इसकी गतिविधियों का पूरा वित्तपोषण सरकार द्वारा जारी खाद्य सब्सिडी से होता है, जिससे यह जरूरी हो जाता है कि सार्वजनिक धन का प्रबंधन अधिकतम पारदर्शिता और लागत-प्रभावशीलता के साथ किया जाए।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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