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अग्निहोत्री आश्रम : साठ बटुकों ने वैदिक परंपरा से धारण किया यज्ञोपवीत

jodhpur

जोधपुर, 04 जुलाई (Udaipur Kiran) । वैदिक परंपराओं के संरक्षण, सनातन संस्कृति की भावना को जन-जन तक पहुंचाने एवं नई पीढ़ी को सनातन संस्कृति से जोडऩे के उद्देश्य से न्यू चांदपोल रोड स्थित वैदिक अग्निहोत्रालय आश्रम में शुक्रवार को नि:शुल्क सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन किया गया।

अग्निहोत्रालय आश्रम के वर्तमान गादीपति पंडित रविदत्त अग्निहोत्री ने बताया कि पिछले 66 वर्षों से चली आ रही अग्निहोत्र आश्रम की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन किया गया जिसमें साठ बटूकों ने यज्ञोपवीत धारण कर ब्रह्मचर्य जीवन में प्रवेश किया।

आश्रम के सचिव मण्डल दत्त शर्मा ने बताया कि संत शिवराज हर्ष महाराज ने अग्निहोत्रालय आश्रम में ऋषि निकेतन गुरुकुल विद्यालय स्थापित किया था जो आज वैदिक शिक्षा व संस्कार का अनुपम केन्द्र बन गया गया। वेदपाठी मां बादरिया बाई, ब्रह्म कर्मनिष्ठ विष्णुदत्त महाराज, सोमयाजी ब्रह्मलीन पं. सोमदत्त अग्निहोत्री व गुरुमाता सूरजकौर के आशीर्वाद व प्रेरणा से उनके वंशज पंडित रविदत्त अग्निहोत्री के आचार्यत्व में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ। पंडित रविदत्त अग्निहोत्री ने वैदिक विधि-विधान के अनुसार मंत्रोच्चार, हवन, संकल्प और आचार्य पूजन के साथ सभी बटुकों को त्रैसूत्री (यज्ञोपवीत) धारण कराया। आश्रम के सदस्य ओम श्रीराम ने बताया कि जन धारण करने वाले सभी बटुकों हेतु मुडंन, यज्ञोपवीत, यज्ञ आदि की संपूर्ण व्यवस्था आश्रम द्वारा नि:शुल्क की गई।

धर्म, परंपरा और संस्कृति

कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की सनातन संस्कृति को वैदिक पौराणिक परम्पराओं के अनुरूप निरन्तर जारी रखना एवं समाज में जागृति लाना था। संस्कार के पूर्व सभी बटुकों ने विधिवत स्नान, संकल्प, मातृ-पितृ पूजन एवं आचार्य वंदन किया। वैदिक ऋषियों की परंपरा का स्मरण कर हवन एवं गायत्री मंत्र का जाप कराया गया। सभी बटुकों को भोजन-प्रसाद तथा यज्ञोपवीत के साथ धार्मिक सामग्री भी आश्रम की ओर से भेंट की गई। इस आयोजन में बटुकों के माता-पिता, परिजन, श्रद्धालुजनों एवं विद्वान आचार्यों की उपस्थिति रही। सभी ने सामूहिक रूप से इस वैदिक आयोजन का अनुभव करते हुए धर्म, परंपरा और संस्कृति के प्रति श्रद्धा व्यक्त की।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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