
कोलकाता, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । साल 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा से जुड़े मामले में नामजद तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक और कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के दो पार्षदों ने मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की है।
न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल पीठ ने बेलियाघाटा विधानसभा क्षेत्र के तृणमूल विधायक परेश पाल, वार्ड संख्या 58 से पार्षद और केएमसी के मेयर-इन-काउंसिल सदस्य स्वप्न समाद्दार और वार्ड संख्या 30 की पार्षद पापिया घोष की व्यक्तिगत अग्रिम जमानत याचिकाएं स्वीकार कर ली हैं। इस मामले की सुनवाई बुधवार को होने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने इन तीनों नेताओं को 18 जुलाई तक पूछताछ के लिए कोलकाता स्थित कार्यालय में उपस्थित होने के लिए समन भेजा था। किसी भी संभावित गिरफ्तारी या दबाव की कार्रवाई से बचने के लिए ही तीनों नेताओं ने अग्रिम जमानत की अर्जी दी है।
गौरतलब है कि सीबीआई की टीम इससे पहले विधायक परेश पाल से पूछताछ कर चुकी है। सीबीआई ने दो जुलाई को जारी एक बयान में बताया था कि उसने 20 जून को कोलकाता स्थित विशेष अदालत में एक पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है, जिसमें विधायक सहित कुल 18 नए अभियुक्तों के नाम शामिल हैं।
सीबीआई के ताज़ा पूरक आरोप पत्र में पाल, समद्दार और घोष के अलावा नारकेलडांगा थाने के पूर्व प्रभारी शुभोजीत सेन और महिला सब-इंस्पेक्टर रत्ना सरकार के नाम भी शामिल किए गए हैं।
इस मामले की पृष्ठभूमि में दो मई, 2021 को चुनाव नतीजों के बाद कोलकाता के बेलियाघाटा इलाके में अभिजीत सरकार की हत्या हुई थी। शुरुआती जांच कोलकाता पुलिस के होमिसाइड स्क्वॉड ने की थी और अपनी चार्जशीट में 15 लोगों को अभियुक्त बनाया था। बाद में कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर अगस्त 2021 में सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की और सितंबर 2021 में 20 अभियुक्तों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया, जिनमें पहले से चार्जशीटेड 15 लोग भी शामिल थे।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
