

अनूपपुर, 27 सितंबर (Udaipur Kiran News) । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के जैतहरी जनपद के ग्राम पंचायत लहसुना के कपरिया गांव में उल्टी-दस्त और बुखार से एक हफ्ते के भीतर दो बच्चों की मौत हो गई है। कई अन्य ग्रामीण भी इसकी चपेट हैं। घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची और प्रभावित लोगों का उपचार शुरू किया।
जानकारी के अनुसार 2 वर्षीय आर्यन अहिरवार की मौत स्थािनिय झोलाछाप चिकित्सक से गलत इलाज माना जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए शुक्रवार को अनूपपुर कलेक्टर ने तुरंत संज्ञान लिया और जैतहरी एसडीएम,तहसील और बीएमओ सहित मेडिकल स्टाफ के साथ मिलकर पीड़ित मरीजों से मुलाकात की। मृतक आर्यन सिंह की मां और एक अन्य महिला को बेहतर उपचार के लिए एम्बुलेंस से वेंकटनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्थानांतरित किया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में घर-घर जाकर ग्रामीणों और बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की। इस दौरान, 10 माह के बच्चे अयांश सिंह (पिता उपेंद्र सिंह) को तेज बुखार होने पर तत्काल एम्बुलेंस से जिला चिकित्सालय रेफर किया गया। मृतक आर्यन सिंह की मां का भी उल्टी-दस्त का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वेंकटनगर में चल रहा था, उन्हें भी बेहतर इलाज के लिए जिला चिकित्सालय भेजा गया।
शनिवार को उल्टी-दस्त और बुखार से पीड़ित पांच मरीजों का इलाज वेंकटनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जारी है। खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. मोहन सिंह श्याम उनकी देखरेख कर रहे हैं। ग्राम पंचायत कपरिया में आशा कार्यकर्ता और मेडिकल ऑफिसर घर-घर जाकर सर्वे कर रहे हैं ताकि अन्य संभावित मरीजों की पहचान की जा सके।
ज्ञात हो कि ग्राम पंचायत लहसुना के ग्राम कपरिया निवासी 2 वर्षीय आर्यन अहिरवार पुत्र राजेश अहिरवार व उसकी मां को उल्टी दस्त के बाद 24 सितंबर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वेंकटनगर में भर्ती कराया गया। ठीक नहीं होने पर बच्चे को पेंड्रा फिर वहां से बिलासपुर रेफर किया गया। रास्ते में उसकी मौत हो गई थी। वहीं बच्चे की मां शांति अहिरवार का इलाज चल रहा है। इसी प्रकार लहसुना निवासी वर्षा यादव 5 वर्ष पिता कुंवारे लाल यादव को भी उल्टी दस्त से मौत हो चुकी है। दो मौतों के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में उल्टी दस्त से पीड़ित मरीजों की जांच पड़ताल कर रह है।
कलेक्टर कर रहे मॉनिटरिंग
ग्राम पंचायत लहसुना में सप्ताह भर में दो बच्चों की डायरिया से मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था, वहीं इसकी जानकारी कलेक्टर को लगने के बाद उन्होंने तत्काल स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ग्राम में पहुंची और मरीजों के उपचार में जुटी हुई हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर आरके वर्मा ने बताया कि मै शनिवार को भी ग्राम में हूं हमारी टीम लगी हुई हैं। गत दिनों 2 वर्षी बालक की मृत्यु के प्रारंभिक जांच में पाया गया कि स्थानीय झोलाछाप डॉक्टर से बुखार का इलाज माता-पिता द्वारा कराया गया था स्थिति खराब होने पर बालक के पिता द्वारा छत्तीसगढ़ की पेंड्रा में अपने जान पहचान के चिकित्सक को दिखाने की बात कह कर चले गए थे जहां इलाज देरी से मिलने कारण मृत्यु का कारण बनी। झोलाछाप डॉक्टर पर कार्यवाही की जाएगी। अब स्थिति नियत्रंण में हैं, टीम रविवार काे भी रहेंगी।
(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला
