
जयपुर, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान में सरकारी स्कूलों के निर्माण कार्यों में घटिया क्वालिटी को लेकर उठे सवालों के बाद शिक्षा विभाग एक्शन मोड में आ गया है। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर द्वारा मुख्यमंत्री से की गई शिकायत के बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस पूरे मामले में जांच कमेटी का गठन कर दिया है। साथ ही, दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश भी जारी किए गए हैं।
ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने हाल ही में कोटा के सरकारी स्कूलों का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने कई स्कूलों में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर गंभीर खामियां पाईं और मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी दी थी। नागर की शिकायत के बाद शिक्षा विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार कर दोषियों की जवाबदेही तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। राज्य परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा राजस्थान द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार
दिल्लीपूरा स्कूल में 42 लाख रुपये की लागत से निर्माण कार्य वर्ष 2021 में पूरा हुआ।
खजूरना और उरना स्कूलों में 38 लाख रुपये की लागत से सीएसआर फंड से निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें समसा की कोई भूमिका नहीं है।
डूंगरज्या स्कूल में ग्राम पंचायत द्वारा 13 लाख रुपयेकी लागत से निर्माण किया जा रहा है।
इन स्कूलों में ऊर्जा मंत्री द्वारा पाई गई कमियों की जांच अब गठित कमेटी करेगी।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि ऊर्जा मंत्री नागर ने जिन स्कूलों का निरीक्षण किया, वे उनके क्षेत्र के स्कूल हैं। इनमें पाई गई खामियां पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए निर्माण कार्यों से जुड़ी हैं। दिलावर ने स्पष्ट किया कि सभी मामलों की गहन जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर किसी को बख्शा नहीं जाएगा। दिलावर ने बताया कि शिक्षा विभाग में इंजीनियरिंग विंग नहीं होने के कारण अब पीडब्ल्यूडी विभाग से इंजीनियरों को डेपुटेशन पर लाने का निर्णय किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे सरकारी स्कूलों में होने वाले निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में सुधार होगा और भविष्य में ऐसी शिकायतों की पुनरावृत्ति नहीं होगी।
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(Udaipur Kiran) / रोहित