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केआईयूजी में सिल्वर के बाद अब अस्मिता लीग में मां राखी के साथ उतरेंगी राजश्री

राजश्री और उनकी मां राखी

• राजश्री और राखी अलग-अलग वर्गों में अस्मिता लीग में लेंगी हिस्सा

• राखी हलदर 2019 कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता

• राष्ट्रीय स्तर पर राजश्री की इंटरनेशनल रिमा भोई से जारी है कड़ी प्रतिस्पर्धा

बीकानेर, 27 नवंबर (Udaipur Kiran) । राजश्री के लिए वेटलिफ्टिंग सिर्फ खेल नहीं, बल्कि पारिवारिक विरासत है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (केआईयूजी) 2025 में महिलाओं के 58 किग्रा वर्ग में केवल दो किलोग्राम से स्वर्ण से चूकने के बाद जैसे ही उन्होंने रजत पदक जीता, मां और कोच राखी हलदर (छह बार की अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता) ने उन्हें गले लगा लिया।

इस उपलब्धि का जश्न मनाने का समय भी नहीं मिला, क्योंकि प्रतियोगिता के दो दिनों बाद ही राजश्री और उनकी मां कोलकाता में 28 नवंबर से शुरू हो रही अस्मिता वेटलिफ्टिंग लीग में फिर से प्लेटफॉर्म पर उतरेंगी। मां-बेटी का एक ही लीग में प्रतिस्पर्धा करना किसी दुर्लभ दृश्य से कम नहीं।

दूसरे वर्ष की बीए छात्रा राजश्री ने छह साल पहले वेटलिफ्टिंग शुरू की थी। बड़े टूर्नामेंटों में चौथे-पांचवें स्थान पर रहने की कहानी अक्सर दोहराती रही है। बुधवार को भी ऐसा ही हुआ, जब वह ओडिशा की अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टर रिमा भोई (लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी) से सिर्फ दो किलोग्राम से पीछे रह गईं। हालांकि, यह रजत उनके लिए आगे बढ़ने की प्रेरणा बन गया।

राजश्री और रिमा की प्रतिद्वंद्विता नई नहीं है। इससे पहले ब्रह्मपुर, ओडिशा में आयोजित खेलो इंडिया अस्मिता वूमेन नेशनल जोनल लीग 2024-25 में भी दोनों इसी क्रम में 1-2 पर रहीं थीं।

राजश्री ने कहा, “यह मेरा पहला केआईयूजी था और रजत पाकर अच्छा लग रहा है। अब तक मैं ज्यादातर चौथे-पांचवें स्थान पर रही हूं, इसलिए यह पदक मेरे लिए खास है।”

इससे पहले उन्होंने ऑल इंडिया इंटर-यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में कांस्य जीता था।

कांग्रेस खेलों में भी उन्होंने हिस्सा लिया था, जहां वह अपने वर्ग में चौथे स्थान पर रहीं। पावरलिफ्टर सी. नवीन कुमार की बेटी राजश्री दो बहनों में बड़ी हैं और कोलकाता स्थित अपने घर में मां राखी के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लेती हैं।

एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की चैंपियन मां की छाया में बड़ा होना आसान नहीं। राजश्री मानती हैं कि लोगों की अपेक्षाएं उन्हें मानसिक दबाव में रखती हैं।

उन्होंने कहा, “जब लोग मेरी पहचान जान लेते हैं, वे मेरी मां की उपलब्धियों से मेरी तुलना करते हैं। मैं उम्मीद करती हूं कि उन अपेक्षाओं पर खरा उतर सकूं।”

अब अस्मिता लीग में 58 किग्रा वर्ग में शुक्रवार को एक बार फिर वह मंच पर उतरेंगी, इस बार केआईयूजी के रजत की ऊर्जा साथ लेकर।

दिन में बाद में राजश्री दर्शक बन जाएँगी—क्योंकि उसी मंच पर उनकी मां राखी 69 किग्रा वर्ग में उतरेंगी।

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(Udaipur Kiran) दुबे