Madhya Pradesh

शॉर्ट एनकाउंटर’ के बाद बजरंग दल के पूर्व पदाधिकारी एवं बीजेपी नेता के हत्यारे जबलपुर मेडिकल लाए गए

'शॉर्ट एनकाउंटर' के बाद बजरंग दल के पूर्व पदाधिकारी एवं बीजेपी नेता के हत्यारे जबलपुर मेडिकल लाए गए

जबलपुर, 29 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । मध्‍य प्रदेश के जबलपुर जिले में बजरंग दल कार्यकर्ता और भाजपा नेता नीलू उर्फ नीलेश रजक की लव जिहाद रोकने को लेकर की गई हत्या के मामले में पुलिस को सफलता मिली है। पुलिस ने फरार चल रहे दोनों मुख्य हत्यारोपियों को ‘शॉर्ट एनकाउंटर’ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। इस शार्ट एनकाउंटर में घायल हुए दोनों आरोपियों को इलाज के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच बुधवार काे जबलपुर मेडिकल कॉलेज लाया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है।

घटना की जानकारी लगते ही बिहार में चुनाव का प्रचार कर रहे विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक तुरंत प्राइवेट जेट से वापस कटनी लौटे । उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मध्य प्रदेश को इस्लामिक स्टेट नहीं बनने देंगे। संजय पाठक अस्पताल पहुंच गए जहां कलेक्टर एसपी से मुलाकात की तथा आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर अल्टीमेटम दिया था कि जब तक गिरफ्तारी नहीं होती तब तक पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।

हत्याकांड होने के बाद से पुलिस के सामने चुनौती खड़ी हो गयी थी। सीसीटीवी कैमरों में मिले फुटेज और फीडबैक के आधार पर आरोपित अकरम खान व प्रिंस जोसफ का नाम सामने आया था। दोनों का ही निलेश उर्फ नीलू रजक से पुराना विवाद चल रहा था। उसके बाद कटनी और जबलपुर पुलिस की संयुक्त टीमें आरोपियों की तलाश में जुटी थीं। इसी बीच पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि दोनों आरोपी बहोरीबंद थाना क्षेत्र के कजरवारा इलाके में छिपे हुए हैं। पुलिस ने तत्काल घेराबंदी की। खुद को घिरा देखकर आरोपियों ने पुलिस को पहले चुनौती दी, इसके बाद भागने का प्रयास किया, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की। दोनों ओर से हुई इस कार्रवाई में दोनों आरोपियों को पैर में गोली लगी और वे घायल हो गए। घायल होने के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों प्रिंस जोसेफ और अकरम को मौके से दबोच लिया। गंभीर रूप से घायल दोनों आरोपियों को तत्काल इलाज के लिए कटनी से जबलपुर मेडिकल कॉलेज लाया गया है।

मृतक नीलू उर्फ नीलेश रजक भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के मंडल अध्यक्ष की हत्या का कारण क्षेत्र में ‘लव जिहाद’ के एक मामले में उनका हस्तक्षेप करना बताया गया है। नीलेश रजक लव जिहाद के मामले में प्रबल विरोधी थे। एक मामले में दखल देने के कारण हत्या के आरोपियों प्रिंस जोसेफ और अकरम ने लगभग एक माह पूर्व नीलेश रजक को बीच सड़क पर गोली मारने की धमकी दी थी। इसी धमकी के परिणामस्वरूप हत्या की वारदात को अंजाम देते हुए बजरंग दल कार्यकर्ता और भाजपा नेता नीलेश रजक को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया। बताया जाता है कि डीएवीवी स्कूल की एक छात्रा ने शिकायत की थी कि कोई मुस्लिम लड़का उनके साथ छेड़खानी करता है। नीलेश रजक उसे समझाने गए थे। उस दौरान विवाद और मारपीट हुई थी। मामला थाने पहुंचा था। दोनों पक्षों पर एफआईआर हुई, काउंटर केस बना।

बाद में अकरम नाम के लड़के ने बोला था कि मैं तेरे को बीच चौराहे में गोली मारूंगा। डेढ़ महीने बाद उसने वारदात को अंजाम दिया।

हत्या के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने डीजीपी को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसको लेकर डीजीपी ने आईजी को आरोपितों को शीघ्र गिरफ्तार करने की आदेश दिए थे। इसके बाद मौके पर तत्काल आएगी प्रमोद वर्मा एवं डीआईजी अतुल सिंह पहुंच गए थे। आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर चलाए गए इस पूरे अभियान की मॉनिटरिंग आईजी प्रमोद वर्मा एवं डीआईजी अतुल सिंह कर रहे थे।

हत्या के बाद उपजे आक्रोश को लेकर पुलिस अलर्ट मोड पर है। कैमोर में अतिरिक्त बल भेजा गया है। अधिकारी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं वहीं आक्रोशित लोगों द्वारा आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने की भी मांग की है। घटना की दहशत में हत्या के 1 घंटे बाद ही एक आरोपी के पिता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। कैमोर में इस समय अघोषित कर्फ्यू की स्थिति बनी रही।

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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक

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