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रंगदारी केस में फंसे अधिवक्ता की अग्रिम जमानत मंजूर

इलाहाबाद हाईकाेर्ट

-पुलिस काे विवेचना जल्द पूरी करने का निर्देश

प्रयागराज, 22 सितम्बर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता मोहम्मद जैन की अग्रिम जमानत शर्तों के साथ मंजूर कर ली है और विवेचना अधिकारी को तीन माह के भीतर जांच पूरी करने का आदेश दिया है। अधिवक्ता पर रंगदारी मांगने का आरोप है।

बम्हरौली में 21 मई 2024 को फूलचंद केसरवानी नामक व्यक्ति ने अधिवक्ता मोहम्मद जैन आदि के खिलाफ मारपीट और 5 लाख रुपये रंगदारी मांगने की एफआईआर दर्ज करायी।

याची ने न्यायमूर्ति विवेक वर्मा की अदालत में यह कहते हुए अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की कि वह प्रयागराज जिला न्यायालय में अधिवक्ता है और घटना के दिन जनपद न्यायालय में मौजूद था।

याची की मां अर्शी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर वक्फ बोर्ड में गड़बड़ी और वक्फ नंबर 66, 67, 68 की संपत्तियों में अम्माद हसन को अवैध रूप से मुतवल्ली बनवाने की शिकायत की थी। इस शिकायत पर प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने जांच के आदेश दिए थे। याची स्वयं भी उक्त वक्फ संपत्ति पर वक्फ अलल औलाद के तौर पर मुतवल्ली बनने का प्रबल दावेदार था। लेकिन नियमों की अनदेखी कर अम्माद हसन ने खुद को मुतवल्ली घोषित करवा लिया।

इस आदेश के विरुद्ध याची ने वक्फ बोर्ड, लखनऊ में मुकदमा किया है जो विचाराधीन है। जिसके कारण उसे झूठे केस में फंसाया गया है।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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